भाजपा (BJP) आगामी लोकसभा चुनाव (upcoming Lok Sabha elections) और उससे पहले करीब एक दर्जन राज्यों के विधानसभा चुनाव (state assembly elections) के लिए संगठन को पूरी तरह चाक-चौबंद करने में जुट गई है। पार्टी में जल्द ही कई अहम संगठनात्मक बदलाव होने की संभावना है। इनमें उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा में पार्टी को नए अध्यक्ष नियुक्त करने हैं। इसके अलावा बिहार और गुजरात में नए संगठन प्रभारी भी बनाए जाने हैं। कुछ और राज्यों में भी संगठनात्मक स्तर पर बदलाव हो सकते हैं।
भाजपा नेतृत्व ने हैदराबाद में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद ‘मिशन-2024’ के लिए अपनी संगठनात्मक तैयारियों को आकार देना शुरू कर दिया है। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा का पहला कार्यकाल अगले साल जनवरी में समाप्त हो रहा है। हालांकि, यह अभी साफ नहीं है कि इससे पहले संगठनात्मक चुनाव कराए जाएंगे या आगामी चुनावों को देखते हुए मौजूदा नेतृत्व को ही विस्तार दिया जाएगा। जेपी नड्डा को दूसरा कार्यकाल मिलने की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार, इसी महीने पार्टी कुछ राज्यों में नए अध्यक्षों और नए संगठन प्रभारियों की नियुक्ति कर सकती है। उत्तर प्रदेश में स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh) के मंत्री बनने के बाद अध्यक्ष पद पर नई नियुक्ति की जानी है। त्रिपुरा में माणिक साहा के मुख्यमंत्री बनने के बाद वहां पर भी नया अध्यक्ष बनाया जाना है। लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर बिहार और दिल्ली में भी संगठनात्मक बदलाव किए जाने की संभावना है।
पार्टी संगठन के प्रभारियों में भूपेंद्र यादव के केंद्र सरकार में मंत्री बनने के बाद गुजरात और बिहार में अभी कोई प्रभारी नहीं है। हालांकि, वहां पर सहप्रभारी काम कर रहे हैं। जल्द ही दोनों राज्यों में पूर्णकालिक संगठन प्रभारियों की नियुक्ति की जाएगी। पश्चिम बंगाल में भी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की जगह नया संगठन प्रभारी नियुक्त किया जाना है। विधानसभा चुनाव के बाद विजयवर्गीय ने एक बार भी पश्चिम बंगाल का दौरा नहीं किया है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश और पंजाब में भी प्रभारियों में बदलाव किया जा सकता है। अभी राधा मोहन सिंह उत्तर प्रदेश और दुष्यंत गौतम पंजाब के संगठन प्रभारी हैं।