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बड़ा नाव हादसा: लापता 30 से ज्यादा लोग, परिजनों ने उठाया ये कदम, सर्च ऑपरेशन जारी

बांदा में गुरुवार की दोपहर हुए नाव हादसे में लापता 30 से ज्यादा लोगों का 20 घंटे बाद भी पता नहीं चल सका है। इससे आक्रोशित लापता लोंगो के परिजनों ने शुक्रवार की सुबह हंगामा किया। अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया। पुलिस अधिकारियों और परिजनों के बीच काफी नोकझोंक भी हुई। पुलिस अधिकारियों ने भीड़ को एक तरफ करने के लिए लाठियां पटकीं। सख्ती दिखाते हुए कहा कि टीमें लगातार रात भर से खोजबीन में लगी हैं। उनके कार्य में किसी तरह का व्यवधान न डाला जाए।

बताया कि एनडीआरएफ, फ्लड पीएसी, एसडीआरएफ की टीमें लापता लोगों को तलाशने कर रही हैं। परिजनों का आक्रोश महाजाल न फेंकने को लेकर ज्यादा रहा। उनका कहना है कि महाजाल से लापता लोगों को खोजा जाए।
प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा काटने में लगे मौके पर मौजूद एएसपी लक्ष्मी निवास मिश्रा ने सख्त रुख अपनाया। जिला पंचायत सदस्य इंद्रजीत यादव को धमकाया। परिजनों को भरोसा देते हुए कहा कि प्रशासन रात भर से खोजबीन में लगा है।
आप लोग समय दें। इस तरह हंगामा काटने से काम बाधित होगा। पुलिस अधिकारियों ने अनाउंसमेंट के जरिए भीड़ को घाट से दूर रहने की हिदायत दी। कहा कि अगर वह लोग प्रशासन का सहयोग नहीं करेंगे तो सख्त रुख अपनाया जाएगा।
गौरतलब है कि मर्का थाना क्षेत्र में गुरुवार दोपहर उफनाती यमुना की बीच धारा में नाव पलटने से उसमें सवार 50 लोग डूब गए थे। इनमें 15 लोग तैरकर किसी तरह बाहर निकल आए। चार लोगों के शव गोताखोरों ने निकाले थे। इनमें दो महिलाएं, एक पुरुष और एक बच्चा है। अन्य लोग हादसे के बीस घंटे बाद भी लापता हैं।
हालांकि प्रशासन लापता लोगों की संख्या केवल 17 बता रहा है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिनंदन ने बताया कि 30-35 लोगों से भरी नौका यमुना घाट से फतेहपुर जिले के जरौली घाट जा रही थी, तभी बीच जलधारा में हवा का झोंका आने से नौका डगमगा कर पलट गई।