पश्चिम बंगाल (West Bengal) के विधानसभा चुनाव में हार के बाद बंगाल बीजेपी में तकरार तेज हो गई है. पश्चिम बंगाल इकाई द्वारा निलंबित करने के बाद रितेश तिवारी (Ritesh Tiwari) और जयप्रकाश मजूमदार (Jaiprakash Mazumdar) ने बंगाल बीजेपी नेतृत्व पर हमला बोला है. निलंबित नेताओं ने आरोप लगाया कि बंगाल बीजेपी नेतृत्व के कुछ नेताओं का टीएमसी से सांठगांठ है और कुछ बीजेपी नेताओं को ममता बनर्जी के आशीर्वाद से नौकरी मिली हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव में पराजय के बाद समीक्षा बैठक में उन लोगों को बोलने नहीं दिया गया. उन्होंने पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और संगठन महासचिव पर अनुभवहीन होने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय सह प्रभारी अमित मालवीय के खिलाफ बयानबाजी की.
बता दें कि बीते दिन पहले दोनों को पार्टी अनुशासन तोड़ने के आरोप में 23 जनवरी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. हालांकि उन पर पार्टी के खिलाफ बयान देने का आरोप में रितेश तिवारी और जयप्रकाश मजूमदार को निलंबित कर दिया गया था. प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के निर्देश पर तिवारी और मजूमदार को पार्टी की अनुशासन समिति की जांच पूरी होने तक निलंबित किया गया था.
विधानसभा चुनाव में हुई ऐतिहासिक भूल
जयप्रकाश मजूमदार ने कहा कि बीजेपी ने विधासनभा चुनाव में ऐतिहासिक भूल की थी. जिस चुनाव में पीएम मोदी और अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा खुद ही जुड़े थे, क्यों इतनी बड़ी भूल की गई. चुनाव के दौरान बंगाल में ऐसे नेताओं को दायित्व दिया गया था, जिन्हें बांग्ला भाषा की जानकारी नहीं थी और वे स्थानीय लोगों से हिंदी में बात करते थे. बंगाल में ऐसे नेताओं को जिम्मेदारी दी गई थी, जिन्हें बंगाल की जानकारी नहीं थी. यह कहा गया था कि पश्चिम बंगाल में किसी की जरूरत नहीं है. वे लोग जीता देंगे. टीएमसी में शामिल हुए नेताओं को टिकट दिया गया था, जबकि स्थानीय नेता को नजरदांज किया गया था.
प्लानिंग के तहत किया गया निलंबित
रितेश तिवारी ने कहा कि अनुशासन समिति कमेटी की सिफारिश और राज्य बीजेपी अध्यक्ष के निर्देश के बाद कारण बताओ नोटिस दिया गया है. कारण बताओ में कोई समय सीमा नहीं था. किस तरह का बयान दिया गया है कि जो पार्टी विरोधी है. जिन लोगों ने मुंह खोलना शुरू कर दिया है. उनको सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. ऐसे नेताओं को दायित्व दिया गया, पब्लिक लाइफ में कोई योगदान नहीं है. कई नेता ममता बनर्जी के आशीर्वाद से नौकरी पा गए हैं. इस तरह के नेता साल 2021 के नेता साजिश शुरू किए थे. कैलाश विजयवर्गीय, शिव प्रकाश जी जैसे नेता उत्तरदायी हैं. उन लोगों को प्लान के तहत निलंबित किया गया है.