राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के लिए रायबरेली (Rae Bareli) में तीन दिनों तक मोर्चा संभालने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Congress General Secretary Priyanka Gandhi) गुरुवार को मां सोनिया और पिता राजीव गांधी की कर्मस्थली अमेठी पहुंचीं। यहां सबसे पहले कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया। दादी इंदिरा गांधी, पिता और मां के संघर्षों को सुनाकर उनमें जोश भरने की कोशिश की। स्मृति ईरानी से लेकर पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। कार्यकर्ताओं से कहा कि आप कांग्रेस के लोग हैं। हम लोग पहले भी विपरीत परिस्थितियों में लड़ें हैं। उन्हें धनबल से लड़ने दीजिए, हम जनता के बल से लड़ेंगे। उनके पास सारे साधन हैं तब भी घबराने की जरूरत नहीं है।
प्रियंका ने कहा कि मत भूलिए, भगवान राम जब रावण से लड़े थे उनके पास सत्ता नहीं थी। कोई रथ भी नहीं था। न सोना था न कोई और साजो-सामान थे। भगवान राम उस समय वनवास में थे लेकिन उन्होंने अपनी हिम्मत बनाई और रावण से लड़े। उनके दिल में सच था। उसी तरह आज यह सच की लड़ाई है। यह लोकतंत्र की लड़ाई है। आप अपने देश और अपने संविधान के लिए लड़ रहे हो। अपना मन बनाओ। यह चुनाव जीत कर जाऊंगी।
सच की राजनीति के लिए लड़ेंगे, मोदी के झूठ को लोगों को बताइए
प्रियंका ने कहा कि सच की राजनीति के लिए हम लड़ेंगे। कोई हमें हरा नहीं पाएगा। दो-चार घंटे सोने के लिए रखिए, बाकि घंटे बाहर जाइए और लोगों से मिलिए। उन्हें इन लोगों की सच्चाई बताइए। जहां-जहां कांग्रेस की सरकार है उसके बारे में लोगों को बताइए। किस तरह से हमने कर्नाटक में आवारा पशुओं की समस्या दूर की है।
जनता को बताइए। जनता जैसे जी रही है वही सच्चाई है। जनता समस्याओं में घिरी हुई है। मोदी के झूठ का पर्दाफाश कीजिए। एक सेना की तरह आप यह चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे। हमें सच्चाई की राजनीति वापस चाहिए।
पिताजी यहां से जीते, देश का चुनाव हारे तो ज्यादा मेहनत की
प्रियंका गांधी ने अपने संबोधन शुरुआत पिता राजीव गांधी के संघर्षों को बयां करते हुए किया। 1989 के चुनाव की चर्चा करते हुए कहा कि वह अमेठी से तो जीते लेकिन देश का चुनाव हार गए। तब दोगुना या तीगुना मेहनत के साथ काम किया। जनता के बीच जाते थे। उस समय जिस तरह का माहौल बनाया गया उनकी सुरक्षा को लेकर डर लगा रहता था। मैं तब तक नहीं सोती थी जब तक उनके चप्पल की आवाज घर में सुन नहीं लेती थी।
दो साल बाद 1991 में एक फोन आया। रात के साढ़े 11 बज रहे थे। पिताजी को कुछ हो गया था। मुझे अपनी मां को बताना पड़ा। मेरे पिताजी वापस नहीं आए। टुकड़ों में खून से लथपथ एक झंडे में लपेटे हुए उनके शरीर को हम वापस लाए थे। मेरी टूटी हुई मां उसके बाद सालों तक चुप हो गई थी। उन्होंने पहले ही इंदिरा जी की हत्या देखी थी। पिता के निधन के बाद कई दिनों तक बहुत मुश्किल से कुछ खाती थीं, केवल निंबू पानी पीती थीं। कई सालों तक घर से नहीं निकली थीं। मैं भी बहुत नाराज थी, देश से नाराज थी। देश को अपनी अमानत दे दी थी, उसे सुरक्षित नहीं रखा गया था।
मां सोनिया के राजनीति में आने के बारे में बताते हुए कहा कि पिता के निधन के सात सालों बाद उन्हें लगा कि कांग्रेस पार्टी संकट में है। उन्हें लगा कि भाजपा उभरने वाली है। तमाम नेता आ रहे थे और कह रहे थे राजनीति में आइए। मैंने कहा था कि राजनीति में मत आओ। ये लोग तुम्हारा इस्तेमाल करेंगे। छोड़ दो यह सब मत आओ। तब मां ने मेरी बात नहीं सुनी। कमरे में लटके पिताजी के चित्र को दिखाते हुए कहा कि उसे मैं नहीं देख पाऊंगी। आज अगर पार्टी को नहीं संभालूंगी तो इनको क्या जवाब दूंगी। फिर वह आगे आईं। स्पष्ट था कि उन्हें पहला चुनाव अमेठी से ही लड़ना था।
जब यह तय हुआ कि वह चुनाव लड़ेंगी ही लड़ेंगी तो मुझसे कहा कैसे करूंगी। मैं तो कभी चुनाव नहीं लड़ीं हूं। मैंने तब उनसे कहा था कि मां यह चुनाव मैं आपको लड़कर दूंगी। यह बात मैंने इसलिए कहा कि जब पिताजी शहीद हुए थे मैं नाराज थी। हम अस्थि विसर्जन के लिए इलाहाबाद ट्रेन से जा रहे थे। ट्रेन अमेठी-रायबरेली से गुजरी। मैंने यहां देखा तो बहुत से लोग मेरी तरह रो रहे हैं। मुझे यह एहसास हुआ कि जो दुख मुझे महसूस हो रहा है, वही इनको भी हो रहा है। दुख के पल में आप लोगों ने हमारा साथ दिया था। मुझे पूरा विश्वास था कि मैं अकेली नहीं हूं।
ऐसे मिले किशोरी लाल शर्मा
प्रियंका गांधी ने अमेठी से कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा के बारे में बताते हुए कहा कि आज मेरा बेटा 24 साल का है। मां का चुनाव लड़ने जब मैं यहां आई थी तो 28 साल की थी। बेटे को देखती हूं तो कभी-कभी यकीन नहीं होता कि उसी के उम्र में मैं पहला चुनाव लड़ने यहां आई थी। उस समय कैप्टन सतीश शर्मा सांसद थे। उन्होंने उस समय कहा था ये लो मैं तुम्हें हीरा दे रहा हूं। वह हीरा किशोरी लाल शर्मा थे। सतीश शर्मा जी ने कहा था कि यह छोड़कर कभी नहीं जाएंगे। वैसा ही हुआ। कितने लोग गए और आए, किशोरी लाल जी हमेशा साथ रहे।
किशोरी लाल जी और मैंने किन परिस्थितियों में वह चुनाव लड़ा यहां के लोग जानते हैं। उस समय केंद्र में भाजपा की सरकार थी। राज्य में कल्याण सिंह की भाजपा सरकार थी। अपना कोई संगठन नहीं बना था। रात-रात में हमने संगठन बनाया, ब्लाक-ब्लाक में अध्यक्ष बनाए। दिन में दौरा करते थे। विषम परिस्थितियों में लड़े और 3 लाख वोटों से सोनिया जी को जिताया था। एक सेना बनकर एक साथ हम लड़े थे।
प्रियंका ने कहा कि मेरे जीवन में एक इंसान था जिसे मैंने पूजा वह मेरे पिताजी थे। अमेठी मेरे पिताजी की कर्मभूमि है। यह भूमि भी मेरे लिए पवित्र भूमि है। यह भूमि राहुल जी के लिए पवित्र भूमि है। किशोरी लाल शर्मा यहां 40 साल से हैं। यह भूमि उनके लिए भी पवित्र भूमि है। अगर हमने आज इन्हें प्रत्याशी बनाया है तो पूरी तरह सोच कर बनाया है।
यहां की एक-एक सड़क, एक-एक गली यह जानते हैं। एक-एक कार्यकर्ता इन्हें जानते हैं और यह कार्यकर्ताओं को जानते हैं। आज इनका हक बनता है कि आपके प्रतिनिधित्व के लिए यहां खड़े हैं। इन्होंने यहां उतना ही काम किया है जितना हमने किया है और पूरी श्रद्धा के साथ किया है।
स्मृति जी केवल राहुल से लड़ने आई हैं
प्रियंका ने कहा कि मां के बाद राहुल भैया यहां आए और उन्हें भी आपने सांसद बनाया। उसके बाद एक अलग तरह की राजनीति आई। ऐसी राजनीति जो जनता के जज्वातों का इस्तेमाल कर रही है। सत्ता बंटोरने के लिए जनता का इस्तेमाल कर रही है। अमेठी से भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह यहां के बारे में क्या समझेंगी। वह तो राहुल जी को हराने आई हैं। राहुल जी से लड़ने आई हैं। स्मृति जी ने आप लोगों को बताया कि हमने जो परियोजनाएं बनाईं वह जमीन लूटने के लिए थी। आप उनकी बातों से बहक गए। कुछ लोग बहके, कुछ लोग डर गए। इसका नतीजा हुआ कि राहुल भैया चुनाव हार गए। जो हमारा रिश्ता आपके साथ था वह थोड़े समय के लिए थम गया लेकिन टूटा नहीं, क्योंकि वह रिश्ता टूट नहीं सकता।
आज देश में झूठ और नाटक-नौटंकी की राजनीति
प्रियंका गांधी ने भाजपा और पीएम मोदी पर सीधा हमला करते हुए कहा कि आज देश में झूठ और नाटक-नौटंकी की राजनीति है। प्रधानमंत्री यह नहीं बता पा रहे कि दस साल में क्या किया। कौन सी संस्था बनाई। कौन से उद्योग स्थापित किए। कितना रोजगार दिया। इन पर कोई बात नहीं हो रही है। एक ही रट है कि कांग्रेस ने 70 साल में कुछ नहीं किया। इंदिरा गांधी जैसी सख्सियत को देशद्रोही कहते हैं। जिसने पाकिस्तान को तोड़कर बंग्लादेश बनाया और खुद शहीद हो गईं, उन्हें ये लोग देशद्रोही कहते हैं।
राजीव गांधी जैसे देशभक्त को देशद्रोही कहते हैं। मेरे पिता पर आरोप लगाते हैं कि अपनी मां की विरासत का टैक्स नहीं भरने के लिए कानून बदल डाला। प्रियंगा ने कहा कि मेरे पिता ने अपनी मां से धन दौलत नहीं ली थी। उन्हें विरासत में देश के लिए मर मिटने का जज्बा मिला था। शहादत मिली थी। जो लोग केवल सत्ता के लिए जी रहे हैं वह इन बातों को नहीं समझ सकते हैं।
प्रियंका ने कहा कि प्रधानमंत्री मंच पर कैसी-कैसी बातें करते हैं। कांग्रेस मंगलसूत्र चुरा लेगी, कांग्रेस आपकी भैंस चुरा लेगी। उन्हें यह भी नहीं पता है कि प्रधानमंत्री पद की गरिमा क्या है। देश क्या सोचेगा यह भी चिंता नहीं है। अब देश कह रहा है हमें नाटक नौटंकी नहीं चाहिए। इस चुनाव को हम लड़ेंगे और अपने मुद्दों पर लड़ेंगे। आज जनता कह रही है मेरी समस्याओं को सुनो। महंगाई से तड़प रहा हूं, मेरी खेती के सामान नहीं मिल रहे हैं, मेरी समस्याओं को सुनो।
इन लोगों ने धर्म और जाति के नाम पर बहुत गुमराह किया है। देश का कोयला, देश की बिजली, देश के हवाई अड्डे सारे अपने मित्रों को दे दिए हैं। उसके लाखों करोड़ के कर्ज माफ हो रहे हैं। किसान एक लाख कर्ज नहीं दे पाता और आत्महत्या कर लेता है। वाराणसी से जीतते हैं लेकिन वहां के एक गांव में नहीं गए हैं। कभी लोगों के बीच नहीं गए हैं। वह झूठों से घिरे हुए हैं। क्या-क्या बहकी बहकी बातें कर रहे हैं। लोग उनकी बातों पर हंस रहे हैं।