मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव (assembly elections) के लिए 100 से भी कम दिन बचे हैं. इस बीच बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बीच शह और मात का खेल तेज हो गया है. एक तरफ विपक्षी कांग्रेस मतदाताओं को लुभाने के लिए वचन दे रही है तो दूसरे तरफ सत्तारूढ़ बीजेपी उस पर पहले ही अमल करके बढ़त बनाने में लगी है. इसी क्रम में बीजेपी ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की छठवीं गारंटी को भी चुनाव के पहले लपक लिया है.
यहां बताते चले कि लाडली बहना में प्रदेश की सवा करोड़ बहनों को हर माह 1250 रुपये देने, बिजली का बिल 100 रुपये महीना करने और सावन में 450 रुपये में सिलेंडर देने की स्कीम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही लागू कर चुके है.अब उन्होंने मध्यप्रदेश में सामाजिक सुरक्षा पेंशन 400 रुपए बढ़ाकर 1000 रुपए करने की तैयारी की है.अक्टूबर से इस योजना के हितग्राहियों को 1000 रुपये मिलने लगेंगे. अभी वृद्धावस्था, विकलांग, कल्याणी और दिव्यांगों को हर माह 600 रुपए पेंशन मिलती है.यह राशि केंद्र सरकार की ओर से आती है.
इस योजना में 60 से अधिक उम्र के निराश्रित वृद्ध, विधवा, 50 वर्ष के अधिक की आयु की अविवाहिता, 18 से 59 वर्ष की परित्यक्त महिलाएं (जो गरीबी रेखा के दायरे में हों), दिव्यांगजन और वृद्धाश्रम में रहने वाले (जिनकी आयु 60 साल से ज्यादा है) एक हजार रुपये की सहायता के पात्र होंगे. अनुमान है कि इससे 37 लाख बुजुगों को लाभ होगा. सामाजिक न्याय विभाग की ओर से यह भुगतान 2 अक्टूबर से किए जाने की तैयारी है.
दरअसल, 21 जुलाई को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ग्वालियर के मेला ग्राउंड में जनसभा को संबोधित करते हुए दिव्यांगजनों की पेंशन बढ़ाने के लिए छठवीं गारंटी की घोषणा की थी. इससे पहले प्रियंका गांधी ने 12 जून को जबलपुर में पांच गारंटियों का जिक्र किया था.प्रियंका गांधी जब ग्वालियर में रैली स्थल पर आ रही थीं, तब उन्होंने रास्ते में दिव्यांगों से मुलाकात की थी. इस दौरान दिव्यांगों ने कहा कि हमारी पेंशन मात्र 600 रुपए है.
इसके बाद उन्होंने वादा किया था कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद दिव्यांगों की पेंशन बढ़ाई जाएगी. वैसे अभी,कांग्रेस शासित राजस्थान और छत्तीसगढ़ में एक हजार रुपए सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिल रही है.