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प्रदर्शनकारी पहलवानों ने हनुमान मंदिर तक निकाला मार्च, बंगला साहिब गुरुद्वारा भी जाएंगे

भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी पहलवानों और उनके समर्थकों ने बुधवार को यहां कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर तक मार्च किया। पिछले 25 दिनों से जंतर-मंतर पर डेरा डाले हुए पहलवान मंगलवार को हनुमान मंदिर गए। इस मौके पर पहलवानों के साथ भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद के अलावा सैकड़ों समर्थक भी थे। प्रदर्शनकारी पहलवान बुधवार को बंगला साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेकने भी जायेंगे।

ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक तथा एशियाई खेलों की स्वर्ण विजेता विनेश फोगाट सहित भारत के शीर्ष पहलवान पिछले 25 दिनों से यहां जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वे बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं जिन पर एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। मार्च के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए बजरंग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मामले में हस्तक्षेप करने और महिला पहलवानों के लिए न्याय सुनिश्चित करने की अपील की।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमारी आवाज प्रधानमंत्री मोदी तक नहीं पहुंच रही है। हम उनसे और गृहमंत्री से हमारे लिए न्याय सुनिश्चित करने का अनुरोध करते हैं। उन्होंने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा दिया। इसलिए हम अनुरोध करते हैं कि इन बेटियों को न्याय दिलाएं। ये भी देश की बेटियां है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम मंदिर में बजरंग बली का आशीर्वाद लेने आए हैं ताकि हमारे देश की बेटियों को जल्द से जल्द न्याय मिले।’’ विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता विनेश ने कहा, ‘‘यह हमारे देश का दुर्भाग्य है।

क्या देश की हर लड़की को न्याय पाने के लिए धरना देना पड़ेगा? क्या हम दोषियों को सजा नहीं दे सकते? हमारा देश इतना कमजोर नहीं हो सकता।’’ इस मार्च में शामिल लोगों ने ‘हम अपने खिलाड़ियों के साथ हैं’ और ‘बृज भूषण को गिरफ्तार करें’ जैसे नारों के बैनर हाथों में पकड़ रखे थे। साक्षी ने ट्वीट किया, ‘‘हमें वीडियोग्राफी/फोटोग्राफी करने वाले स्वयंसेवकों की आवश्यकता है जो न्याय के लिए हमारी लड़ाई में हमारा समर्थन कर सकें। अगर आप हमारा समर्थन करने में रुचि रखते हैं तो कृपया डीएम (संदेश भेजे) करें।’’

पहलवानों ने मंगलवार को संकेत दिया था कि वे अपने प्रदर्शन को ‘राष्ट्रीय आंदोलन’ बनाने के लिए इसे रामलीला मैदान ले जा सकते है। चंद्रशेखर सोमवार शाम पहलवानों के समर्थन में जंतर मंतर पहुंचे थे, लेकिन अधिकारियों द्वारा उन्हें रात में कार्यक्रम स्थल छोड़ने के लिए कहा गया था। वह चले गए और मंगलवार को अपने समर्थकों के साथ फिर से लौट आये थे। उन्होंने पहलवानों से आग्रह किया कि वे 21 मई के बाद अपने आंदोलन को बड़ा करने के लिए रामलीला मैदान में चले जायें। खाप पंचायतों ने बृजभूषण के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सरकार को 21 मई तक का समय दिया है।