अफगानिस्तान के उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह द्वारा 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना के भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण करने की एक तस्वीर शेयर करने के बाद पाकिस्तान भड़क गया है। पाकिस्तान ने यहां तक कह दिया है कि अफगानिस्तान के सीनियर ऑफिसर्स पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंध खराब करना चाहते हैं, लेकिन हम शांति और स्थिरता के लिए मुट्ठी भर लोगों को ऐसा नहीं करने देंगे।
अमरुल्ला सालेह ने भारत के आगे पाकिस्तानी सेना के सरेंडर करने की फोटो ट्वीट करते हुए लिखा था कि हमारे इतिहास में ऐसी तस्वीर नहीं है और न कभी होगी, पाकिस्तान के ट्विटर हमलावर, तालिबान और आतंकवाद इस फोटो के आघात को ठीक नहीं कर पाएंगे, लिहाजा अन्य तरीके खोजें। उन्होंने यह ट्वीट बीते मंगलवार को हुए रॉकेट अटैक के बाद किए थे। यह अटैक तब किए गए थे जब काबुल में राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति अशरफ गनी समेत अन्य लोग ईद-उल-अजहा के मौके पर नमाज अदा कर रहे थे। अफगानिस्तान के उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह का यह ट्वीट पाकिस्तान को तीर की तरह चुभा। पाकिस्तान के एनएसए डॉ.मोईद यूसुफ ने इस ट्वीट के जवाब में कई ट्वीट किए, उन्होंने कहा कि इन मूर्खतापूर्ण बयानों के जरिए अफगानिस्तान को रोजाना शर्मिंदा किया जा रहा है। इन खेल बिगाड़ने वाले मुट्ठी भर जहरीले दिमाग वालों को हम ऐसा करने की इजाजत नहीं देंगे।
अफगानिस्तान के सीनियर ऑफिसर्स अपनी विफलता से ध्यान हटाने के लिए ऐसे बयान देकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच के द्विपक्षीय संबंधों को खराब करने की कोशिश में हैं। गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति सालेह पहले भी पाकिस्तान पर तालिबान की मदद करने का आरोप लगा चुके हैं। गौरतलब है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान तेजी से अपना विस्तार कर रहा है, मामले में पाकिस्तान पर भी गम्भीर आरोप लगाये जा रहे हैं।