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पत्थरबाजी के बाद तनाव, डीजे बजाने को लेकर भिड़े दो समुदाय

उत्तर प्रदेश के बरेली में मुहर्रम के मौके पर दो समुदायों के बीच बवाल हो गया. भोजीपुरा के मझौआ गांव में मुहर्रम जुलूस निकलने के दौरान डीजे बजाने को लेकर पथराव शुरू हो गया. इस पथराव में एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए, जिसमें कई महिलाएं और बच्चियां भी शामिल हैं. पथराव की सूचना पर पुलिस के कई अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है की पुलिस के सामने ही ताजियेदारों ने उनसे मारपीट की. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कई थाने की पुलिस मौके पर पहुंची. इसके बाद हालात पर काबू पाया जा सका.

पुलिस हंगामा और पथराव करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का दावा कर रही है. घटनास्थल पर पहुंचे पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है. क्षेत्र में बिगड़े हालात को देखते हुए भारी संख्या में फोर्स की तैनाती की गई है. दरअसल भोजीपुरा थाना क्षेत्र के मझौआ गंगापुर गांव में मंगलवार सुबह मुहर्रम का जुलूस निकाला जा रहा था, जिसमें डीजे भी लगाया गया था. डीजे लगाने का दूसरे समुदाय ने यह कहते हुए विरोध किया की पहली बार ऐसा क्यों किया जा रहा है, जबकि मातम के जूलूस में पहले ऐसा नहीं होता था.

गांव के लोगों ने बताया कि मुहर्रम के जुलूस में कभी भी डीजे नहीं बजता था. नई परंपरा बताकर हम लोगों ने विरोध शुरू कर दिया. वहीं दूसरे पक्ष का कहना है कि ऐसे तो बुलडोजर और रंग भी पहले कांवड़ों में नहीं होता था. यही बहस होते-होते मामला मारपीट, गाली गलौच से लेकर पथराव तक पहुंच गया. एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के घरों पर पथराव शुरू कर दिया. लोगों ने घरों में छुप कर जान बचाई. साथ ही ताजियेदारों ने लोगों की दुकान पर भी पथराव किया जिसके बाद दुकानें बंद कर दी गई.हुड़दंगियों का इतने से भी मन नहीं भरा और उन्होंने दुकान और घरों के दरवाजे तोड़ने की कोशिश की, जिसका वीडियो अब वायरल हो रहा है.

वायरल वीडियो में एक पक्ष की महिलाएं डंडे और पत्थर बरसा रही है और शटर तोड़ने की कोशिश हो रही है. लोगों का आरोप है की मौके पर फोर्स के साथ इंस्पेक्टर भोजीपुरा मृदुलकांत शुक्ला मौजूद थे लेकिन वह मूकदर्शक बने खड़े रहे. एसपी (क्राइम) मुकेश प्रताप सिंह कई थानों की फोर्स लेकर पहुंचे, तब डीजे हटवाकर मामले को शांत करा दिया गया. पुलिस ने दोनों पक्षों से बातचीत कर स्थिति को समान्य बनाया जिसके बाद जुलूस को फिर से निकाला गया. तनावपूर्ण शांति को देखते हुए मझौआ गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. पुलिस के साथ-साथ आरएएफ और पीएसी की तैनाती की गई है. वहीं घटना को लेकर जिला अधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने बताया कि किसी भी तरह की नई परंपरा शुरू नहीं करने दी जाएगी. अगर कोई नया कुछ करने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.