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पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट मामले में पुलिस का सख्त एक्शन , 3 के खिलाफ FIR दर्ज

मुक्तसर साहिब में पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट को लेकर बड़ी कार्रवाई सामने आई है। पुलिस ने इस मामले में 3 एफआईआर दर्ज की गई है। मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने फैक्ट्री मालिक तरसेम सिंह, सुखचैन कौर और नवराज सिंह के खिलाफ बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में अभी कोई गिरफ्तार नहीं की है। लेकिन जल्द ही इन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

बता दें कि, गत दिन मुक्तसर के सिंघेवाला गांव में अवैध रूप से चल रही पटाखा फैक्ट्री में धमाका हो गया। इस दौरान घायल वर्करों की संख्या 44 तक पहुंच गई है और वहीं 5 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। जिला प्रशासन द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार 49 वर्कर फैक्ट्री में काम कर रहे थे। घायलं में 38 का इलाज बादल सब डिविजन सरकारी अस्पताल में चल रहा है और 6 की हालत गंभीर के चलते उसे बठिंडा के एमएस में भर्ती करवाया गया है।

पटाखा फैक्ट्री में धमाके के दौरान मृतक वर्करों की पहचान नवराज निवासी नेहराजितर उत्तर प्रदेश, दानवीर निवासी सफेदपुरा, नीरज निवासी गांव सरकार निसुलीगडू  व अखिले व राहुल निवासी गांव टाबरी दिवासा के रूप में हुई है। मृतकों का पोस्टमार्टम होगा। बताया जा रहा है कि, घायलों में एक नाबालिग समेत 19 से 25 वर्ष के युवा शामिल ​हैं। हादसे दौरान फैक्ट्री में पटाखे बन रहे थे। तारों से निकली चिंगारी वहां रखे बारूद पर गिर गई जिससे धमाके शुरू हो गए।

फैक्टरी में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं

घायलों ने बताया कि यह पटाखा फैक्टरी हाल ही में शुरू की गई थी, जिसका मालिक रणवीर सिंह निवासी डबवाली है। फैक्टरी में किसी प्रकार के सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए थे – न तो अग्निशमन यंत्र लगाए गए थे, न ही कर्मचारियों के लिए कोई आपातकालीन व्यवस्था थी। बताया गया कि हादसे के समय रात दो बजे अचानक आग लग गई और फैक्टरी की छत गिर गई, जिससे वहां सो रहे मजदूर उसके नीचे दबकर घायल हो गए।

फैक्टरी मालिक मौके से फरार

घायलों ने बताया कि फैक्टरी मालिक रणवीर सिंह घटना के बाद से फरार है और उसका मोबाइल फोन भी बंद है। इतना ही नहीं, उसने घायलों की कोई खबर नहीं ली और न ही अस्पताल में उनसे मिलने पहुंचा। मजदूरों ने यह भी बताया कि मालिक उन्हें उनके मूल राज्यों – उत्तर प्रदेश और बिहार – भेजने की बात कर रहा है, जबकि उनके पास न तो पैसे हैं और न ही कोई सहायता।