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पंजाब में चन्नी और सिद्धू हमारे चेहरा: कांग्रेस नेता सुरजेवाला

पंजाब (Punjab) में कांग्रेस ने चुनाव से कुछ वक्त पहले ही मुख्यमंत्री को बदल दिया है और दलित चेहरे चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) को कमान सौंपी है. लंबे वक्त से पार्टी में उठापटक चल रही थी, ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) के हटने और नए चेहरे के आने से कांग्रेस को कुछ राहत मिल पाएगी. लेकिन अभी के जो हालात दिख रहे हैं, उससे कांग्रेस की मुश्किलें कम नहीं बल्कि ज्यादा होती दिख रही हैं.

क्या पंजाब में दूर हुई कांग्रेस की मुश्किलें?

पंजाब में जिस दिन कांग्रेस के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शपथ ली, उसी दिन ऐसे कई संकेत दिखाई पड़ गए जिन्होंने कांग्रेस में सबकुछ ठीक ना होने की पुष्टि की. • मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके कैप्टन अमरिंदर सिंह सोमवार को नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण में नहीं दिखे. उन्होंने चरणजीत सिंह चन्नी को ट्विटर के जरिए बधाई ज़रूर दी. शनिवार को इस्तीफा देने के बाद कैप्टन अमरिंदर ने पहले ही कहा था कि वह अपमानित महसूस कर रहे हैं, आगे का क्या फैसला होगा वो इसपर समर्थकों से चर्चा करेंगे.

चरणजीत सिंह चन्नी के शपथ लेने से पहले ही हरीश रावत ने बयान दिया था कि अगला विधानसभा चुनाव नवजोत सिंह सिद्धू और कैबिनेट की अगुवाई पर लड़ा जाएगा. इसपर विवाद खड़ा हुआ और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि इस तरह के बयान से मुख्यमंत्री कमजोर दिखाई पड़ते हैं • उप-मुख्यमंत्री के लिए पहले सुखजिंदर सिंह रंधावा के अलावा ब्रह्म मोहिंद्रा का नाम सुर्खियों में चल रहा था. कांग्रेस की ओर से दलित सीएम के अलावा सिख और हिन्दू-पंजाबी समुदाय को साधने की कोशिश की गई. लेकिन जब डिप्टी सीएम के लिए शपथ लेने की बात आई तो सुखजिंदर सिंह रंधावा के अलावा दूसरे चेहरे ओपी सोनी ने शपथ ली.

सुनील जाखड़ ने ट्वीट कर जब हरीश रावत के बयान पर आपत्ति जताई, उसके कुछ वक्त बाद ही ये झगड़ा बढ़ने लगा. सुनील जाखड़ के भतीजे अजयवीर जाखड़ ने सोमवार को ही किसान आयोग के पद से इस्तीफा दिया. इस्तीफे के पीछे का कारण साफ नहीं हुआ, लेकिन टाइमिंग पर सवाल खड़े हुए. बता दें कि सुनील जाखड़ का नाम बीते दिन तक मुख्यमंत्री की रेस में था.

चन्नी और सिद्धू हमारे चेहरा: सुरजेवाला कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने पंजाब में हुए बदलाव को ऐतिहासिक बताया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पंजाब में एक दलित को मुख्यमंत्री बनाकर इतिहास रचा है. पंजाब के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू समेत अन्य तमाम नेता पार्टी की अगुवाई करेंगे. हम अकाली दल और बसपा को भी अपना सीएम पद का चेहरे का ऐलान करने का चैलेंज करते हैं, हमारी ओर से तो सिद्धू-चन्नी ही चेहरे हैं. पंजाब में अगले कुछ महीने बाद ही विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में कांग्रेस को सरकार चलाने के अलावा अन्य कई मुश्किलों को सुलझाना है, जिसमें घर की लड़ाई सबसे अहम मसला है. कांग्रेस एक तरफ जहां सरकार बचाने के लिए चुनाव लड़ रही है, तो आम आदमी पार्टी और अकाली दल से उसे लगातार चुनौती मिल रही है.