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नौ साल बाद वैष्णो देवी दरबार पहुंचे सबसे ज्यादा श्रद्धालु, प्रतिदिन आ रहे हैं औसतन 13 हजार

त्रिकुटा पहाड़ियों (Trikuta Hills) में स्थित वैष्णो देवी (Vaishno Devi) के दरबार में इस साल अब तक 87 लाख श्रद्धालुओं (devotees) ने हाजिरी लगाई है। श्रद्धालुओं का यहा आंकड़ा नौ साल में सर्वाधिक है। 2013 में 93.24 लाख, 2014 में 78.03 लाख, 2015 में 77.76 लाख, 2016 में 77.23 लाख, 2017 में 81.78 लाख, 2018 में 85.87 लाख, 2019 में 79.40 लाख यात्री वैष्णो देवी में पहुंचे थे।

इस साल के आखिर तक माता के भक्तों की संख्या 90 लाख के पार जा सकती है। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अधिकारी के अनुसार, छह दिसंबर तक वैष्णो देवी में 86.40 लाख श्रद्धालु माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त कर चुके थे। रोजाना औसतन 13 हजार तीर्थ यात्री भवन पहुंच रहे हैं।

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अधिकारी के अनुसार 6 दिसंबर तक वैष्णो देवी में 86.40 लाख श्रद्धालु माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त कर चुके थे। मौजूदा औसतन 13 हजार तीर्थ यात्री रोजाना वैष्णो देवी भवन पहुंच रहे हैं। नए साल से पहले के हफ्तों में यह संख्या बढ़ने की संभावना है। गत जून में सबसे अधिक 11.29 लाख श्रद्धालुओं ने माता रानी के दर्शन किए थे, जबकि फरवरी में दरबार में 3.61 लाख श्रद्धालुओं ने माथा टेका। इस साल नए वर्ष पर माता वैष्णो देवी के मंदिर स्थल पर भगदड़ मचने से 12 तीर्थ यात्रियों की मौत और 16 यात्री घायल हुए थे। लेकिन गत जनवरी में 4.38 लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किए। इसी तरह मार्च में 7.78 लाख से अधिक, अप्रैल में 9.02 लाख, मई में 9.86 लाख, जुलाई में 9.07 लाख, अगस्त में 8.77 लाख, सितंबर में 8.28 लाख, अक्तूबर में 7.51 लाख और नवंबर में 6.01 लाख श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में शीश नवाया।

तीन दशक में सबसे कम 2020 में कोविड के दौरान सिर्फ 17 लाख तीर्थ यात्री आए थे। कोविड महामारी के कारण मंदिर को पांच माह तक बंद रखा गया था, जिसे 16 अगस्त 2020 को खोला गया था। 1986 में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अस्तित्व में आने पर 13.95 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे और उसके बाद लगातार यह आंकड़ा बढ़ता चला गया। अब तक ऑलटाइम वैष्णो देवी के दरबार में 2012 में 1.04 करोड़ और 2011 में 1.01 करोड़ यात्री आए हैं। 1991 में यह आंकड़ा 31.15 लाख और 2007 में 74.17 लाख था। अमरनाथ भूमि आंदोलन के बीच यह आंकड़ा थोड़ा गिरकर 2008 में 67.92 लाख पहुंचा था। इसके बाद 2009 में 82 लाख और अगले साल 2010 में 87.2 लाख यात्री पहुंचे थे। इसी तरह 2013 में 93.24 लाख, 2014 में 78.03 लाख, 2015 में 77.76 लाख, 2016 में 77.23 लाख, 2017 में 81.78 लाख, 2018 में 85.87 लाख, 2019 में 79.40 लाख यात्री वैष्णो देवी में पहुंचे थे।

यात्रियों की ट्रैकिंग की जा रही
श्राइन स्थल पर भगदड़ की घटना के बाद बोर्ड की ओर से अगस्त से तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए विभिन्न परियोजनाओं के हिस्से के रूप में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) की शुरुआत की है, जिसमें बेहतर भीड़ प्रबंधन और ट्रैक से भवन तक के 13 किमी ट्रैक पर यात्रियों की ट्रैकिंग की जा रही है। दुर्गा भवन सहित भवन में बड़ी परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है, जिसमें दैनिक आधार पर 2500 तीर्थ यात्रियों को समायोजित करने का प्रावधान है। बहु दिशात्मक प्रवाह और आपात स्थिति की समस्या को दूर करने के लिए बोर्ड द्वारा भवन में स्काई वॉक का निर्माण किया जा रहा है।

यात्रियों के लिए इंटरमाडल स्टेशन बनेगा
राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (एनएचएलएमएल) और कटड़ा विकास प्राधिकरण के बीच अगस्त में हुए समझौता ज्ञापन में हेलीपैड, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड जैसी सेवाएं लेने वाले भक्तों के लिए अपनी तरह का एक इंटरमाडल स्टेशन बनाया जाएगा। आटो स्टैंड, पार्किंग, पांच सितारा होटल और अन्य सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी। कटड़ा से भवन और आसपास के क्षेत्रों में अंडरग्राउंड केबल बिछाने के काम में इलेक्ट्रिक नेटवर्क का सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डेटा एक्विजिशन (एससीएडीए) अनुपालन आधारित मानिटरिंग प्रणाली होगी। इस परियोजना के कार्यान्वयन के साथ ट्रैक के साथ और भवन क्षेत्र में बेहतर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा एलटी/एचटी ओवरहेड बिजली लाइन को भूमिगत केबल से बदला जाएगा।