नौकरीपेशा लोगों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के नियमों में बड़ा परिवर्तन हुआ है। यदि किसी व्यक्ति का EPF में योगदान एक वित्त वर्ष में 2.5 लाख रुपये से अधिक है, तो उसे इस वित्त वर्ष 2021-22 से दो अलग-अलग PF खाता रखने होंगे। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने एक नोटिफिकेशन भी जारी किया है।
अब रखने होंगे PF अकाउंट
जारी नोटिफिकेशन के अनुसार मौजूदा भविष्य निधि खातों (PF Accounts) को दो अलग-अलग अकाउंट में बांटा जाएगा। PF अकाउंट में जमा रकम पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स की गिनती के लिए एक अलग पीएफ खाता खोला जाएगा। CBDT के नोटिफिकेशन के अनुसार, 31 मार्च 2021 तक किसी भी कंट्रीब्यूशन पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, मगर वित्त वर्ष 2020-21 के बाद पीएफ एकाउंट्स पर मिलने वाला ब्याज टैक्स के दायरे में आएगा, जिसकी गिनती अलग से की जाएगी।
इस दिन से लागू होंगे रूल
CBDT के अनुसार 1 अप्रैल 2022 से यह रूल प्रभावी हो जाएंगे। वित्त वर्ष 2021-22 में यदि आपके पीएफ खाता में 2.5 लाख रुपये से अधिक जमा हुआ है तो उस अतिरिक्त राशि पर मिलने वाले ब्याज पर आपको टैक्स चुकाना होगा। आपको अगले साल के इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग में भी इस बात की जानकारी देनी होगी। यदि किसी व्यक्ति के खाता में एंप्लॉयर का योगदान नहीं है तो उसके लिए यह लिमिट 5 लाख रुपये की होगी।
प्राइवेट व सरकारी कर्मचारियों के लिए अलग लिमिट
बता दें कि साल 2.5 लाख रुपये की यह लिमिट केवल प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए ही है, सरकार कर्मचारियों के लिए नहीं। यदि आप सरकारी कर्मचारी हैं, तो EPF और VPF में योगदान की लिमिट 2.5 लाख के स्थान पर 5 लाख रुपये है। यानी सरकारी कर्मचारी के EPF और VPF खाते में सालाना पांच लाख रुपये से अधिक जमा हुआ तो उस अतिरिक्त रकम पर उन्हें टैक्स चुकाना पड़ेगा।