उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामगढ़ गांव में बादल फटने की घटना सामने आई है. बादल फटने से कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है. पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची है. बचाव कार्य जारी है. घायलों को मलबे से निकाल कर बचा लिया गया है.
एसएसपी प्रीति प्रियदर्शिनी ने बताया कि नैनीताल जिले के रामगढ़ गांव में जहां बादल फटा था वहां से कुछ घायलों को बचा लिया गया है, अभी कितने लोग मलबे में दबे हो सकते हैं इसकी कोई वास्तविक संख्या का अभी पता नहीं चल पाया है. वहीं नैनीताल झील ओवरफ्लो होने के चलते नैनीताल की सड़कों पर पानी भर गया है. इमारतों और घरों में भी जलभराव देखा जा रहा है.क्षेत्र में लगातार भारी बारिश हो रही है.
खतरे के निशान के ऊपर पहुंचा गंगा का जलस्तर
पिछले 2 दिनों से पहाड़ों में हो रही बारिश के कारण गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है. गंगा अपने खतरे के निशान 294 मीटर से 0.35 मीटर ऊपर 294.35 मीटर पर बह रही है. गंगा के बढ़ते जलस्तर के चलते हरिद्वार में गंगा के निकटवर्ती क्षेत्रों को अलर्ट कर दिया गया है.
नैनीताल झील ओवरफ्लो
कोसी नदी भी खतरे के निशान से ऊपर
कोसी नदी में पानी बढ़ने से रामनगर के गर्जिया मंदिर को खतरा पैदा हो गया. पानी मंदिर की सीढ़ियों तक पहुंच गया है. वहीं बैराज के सभी फाटक खोल दिए गए हैं. कोसी बैराज पर कोसी नदी का जलस्तर 139000 क्यूसेक है. जो खतरे के निशान से काफी ऊपर है. कोसी बैराज में खतरे का निशान 80000 क्यूसेक है.
उधर, हल्द्वानी में गोला नदी उफान पर आने से नदी पर बना अप्रोच पुल टूट गया. जिसके कारण वहां आवाजाही बंद हो गई है. टनकपुर में शारदा नदी के उफान से क्रशर मार्ग ने नाले का रूप ले लिया है. मंगलवार की सुबह गोला नदी का जलस्तर 90 हजार क्यूसेक पार हो गया. जिससे अप्रोच पुल टूट गया. सूचना पर प्रशासन और एनएचएआई के अधिकारियों ने सड़क का जायजा लिया. नदी का जलस्तर बढ़ने से गोला बैराज को खतरा पैदा हो गया है. बारिश के कारण नाला भी उफान पर आ गया जिससे नाले के किनारे बना एक मकान बह गया. उधर, नैनीताल में भारी बारिश से कई जगह पानी भर गया है.