इसे आस्था कहें या अंधविश्वास (blind faith)? नागपंचमी (nagpanchami) के दिन एक सामान्य शख्स भैंसासुर बन जाता है। पशु के नाद में भरे भूसा (straw) को खाने लगता है। गुरुवार को इस नागपंचमी को भूसा खाने का एक वीडियो वायरल (video viral) हुआ है। महराजगंज के कोल्हुई क्षेत्र का एक शख्स नागपंचमी के दिन पशुओं की तरह नाद में भूसा खाता है। यह वीडियो जिले में तेजी से वायरल हो रहा है। कोल्हुई के रुद्रपुर शिवनाथ गांव का रहने वाला बुधिराम पिछले कई वर्षों से इस तरह भूसा चारा खाता है।
कोल्हुई के रुद्रपुर शिवनाथ गांव का रहने वाला बुधिराम रोडवेज का सेवानिवृत्त कर्मचारी है। इसको देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई थी। वह कई सालों से नागपंचमी पर्व के हर तीसरे साल गांव में ही स्थित माता के मंदिर में स्थापित भैंसासुर की प्रतिमा के सामने पशुओं के खाने के नाद में पशुओं की तरह ही भूसा और चारा खाता है। इस बार नागपंचमी पर वीडियो वायरल हुआ। इसमें भूसा व पानी भरी नाद में मुंह डालकर चारा खा रहा है।
बताया जा रहा है कि बुधीराम नागपंचमी के मौके पर इंसान से पशु बन जाता है। नागपंचमी के दिन वह घर के बाहर बने समया माता के मंदिर पर बैठता है। लोग फूल-मालाओं से स्वागत करते हैं। बताया जाता है कि वह नाद में पशु की तरह भूसा-चारा खाना लगता है। उसकी यह अद्भुत आस्था देखकर लोग हैरान जाते हैं।
बुधीराम का दावा है कि पिछले 40-45 साल से उनपर भैंसासुर की सवारी आती है। ऐसा हर तीन साल के अंतराल में नागपंचमी के दिन होता है। बाकी दिन वह सामान्य जीवन जीते हैं। नागपंचमी पर भी कुछ समय के लिए ऐसा होता है और फिर पूजा-पाठ के कुछ घंटों बाद ही वह सामान्य हो जाते हैं।