पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के पत्र मिलने के बाद से गृहमंत्री अनिल देशमुख चर्चाओं में हैं। जी दरअसल उन पर 100 करोड़ की वसूली का आरोप लगा है। इसी के चलते महाराष्ट्र सरकार में हलचल तेज हो गई है। इस समय विपक्ष बार-बार गृहमंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग कर रही है। अब उनकी इस मांग का जवाब देने के लिए संजय राउत ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने यह साफ कर दिया है कि ‘शरद पवार की भूमिका ही सरकार की भूमिका है।’ उन्होंने कहा, ‘शरद पवार वरिष्ठ नेता हैं। एनसीपी और शिवसेना की भूमिका में कोई फर्क नहीं है। शरद पवार की भूमिका ही सरकार की भूमिका है। यानी अनिल देशमुख का इस्तीफा नहीं लिया जाएगा।’
इसके अलावा उन्होंने पूर्व मुख्य न्यायाधीश और वर्तमान में राज्य सभा सांसद रंजन गोगोई की कही बातों की मिसाल देते हुए कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट में न्याय नहीं मिलता। सीबीआई और ईडी की तरह सुप्रीम कोर्ट का भी इस्तेमाल किया जाता है। यह मैं नहीं कह रहा, यह पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा है। अगर परमबीर सिंह के सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर देने से भाजपा को लगता है कि सरकार दबाव में आ जाएगी, तो यह उनकी भूल होगी। भाजपा अपनी सुविधा के हिसाब से राजनीति ना करे, राजनीति हमें भी करनी आती है।’
इसके अलावा उन्होंने इस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह भी कहा, ‘पत्र कोई सबूत नहीं होता। किसी पुलिस अधिकारी के लिखे पत्र को मान कर इस्तीफा नहीं लिया जा सकता। पत्र की जांच होती है। अगर ऐसा है तो दो पूर्व आईपीएस और आईएएस संजीव भट्ट और मिस्टर शर्मा ने गुजरात सरकार पर परमबीर सिंह से भी ज्यादा गंभीर आरोप लगाए थे। क्या उस वक्त के गुजरात के मुख्यमंत्री से इस्तीफा लिया गया? अगर पत्र को ही सबूत मानना है तो पहले उस वक्त के गुजरात के मुख्यमंत्री पर कार्रवाई कीजिए। आज वे दोनों अधिकारी जेल में हैं। गुजरात के लिए कुछ और महाराष्ट्र के लिए कुछ और नीति नहीं चल सकती।’ अब यह देखना होगा कि इस पर विपक्ष क्या कहता है?