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नवंबर और दिसंबर में हैं शादी के सिर्फ 15 मुहूर्त, यहां देखें तारीखों की पूरी लिस्ट

दिपावली के बाद से ही शादियों का सीजन शुरू हो जाता है. जिन लोगों को सर्दियों के मौसम में शादी करनी होती है, वह नवंबर यानी कि दीपावली के बाद की तिथियों का इंतजार करने लगते हैं. यही कारण है कि दीपावली के बाद से ही लोग शुभ मुहूर्त देख कर शादियों की तैयारियों में जुट जाते हैं. ऐसे में हर बार की तरह से इस बार भी शादियों के शुभ मुहूर्त आए हैं. इस बार शादियों के लिए बहुत ही कम दिन बताए जा रहे हैं.

आज हम आपको इस सीजन की शादियों के शुभ मुहूर्त से आप सभी को रूबरू करवाएंगे. आपको बता दें कि इस सीजन में 19 नवंबर से 13 दिसंबर तक ही शादियों के शुभ मुहुर्त हैं. यानी कि शादी के लिए केवल 15 मुहुर्त ही हैं, जिनमें शादियां हो सकती हैं. आपको बता दें कि हिंदुओं में देवउठनी एकादशी (Devuthani Ekadashi) से शादियां होना शुरू हो जाता है.

आपको बता दें कि इस साल 15 नवंबर को देवउठनी एकादशी से ही शुभ कामों की शुरुआत होने वाली है. लेकिन इस बार शादियों के मुहूर्त कम हैं इसलिए अधिकतर जगह पर मैरिज गार्डन, होटल आदि के लिए लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे आज हम आपको बताएंगे शादी के शुभ मुहुर्त आदि-

कितने दिनों के हैं शादी के मुहूर्त

इस सीजन में 15 नवंबर को देवउठनी एकादशी के बाद 15 नंवबर को और आखिरी मुहूर्त 13 दिसंबर को है. इस हिसाब से इन आगामी 2 महीनों में सिर्फ 15 शुभ मुहूर्त ही हैं. यानी कि ये शुभ मुहुर्त हम आपको इस साल के बता रहे हैं. जबकि अगले साल 15 जनवरी 2022 से शुभ मुहूर्त फिर से प्रारंभ होंगे.

यह रहेंगे शादी के शुभ मुहूर्त

साल 2021 में नवंबर महीने में (19, 20, 21, 26, 28, 29 व 30) इन केवल 7 तारीखों पर शादी के लिए शुभ मुहूर्त होने वाले हैं. इसके अलावा दिसंबर महीने में भी 8 शुभ मुहूर्त हैं जोकि 1, 2, 5, 6, 7, 11, 12 और 13 तारीख को को हैं..

फिर लौटेगी खुशियों की रौनक

कोरोना के कहर के कारण से हर किसी को भारी नुकसान को उठाना पड़ रहा है. आपको बता दें कि उन व्यापारियों को  खासा रूप से नुकसान हुआ है जो जिनका बिजनेस सीजन है. लेकिन इस बार शादियों के सीजन से मैरिज गार्डन, होटल से लेकर बैंड, ढोल, कैटर्स, हलवाई आदि को काफी उम्मीदें हैं कि इन लोगों को कुछ लाभ होगा. कम मुहुर्त होने के कारण से मैरिज हॉल की बुकिंग न होने की वजह से अब परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा बैंड-बाजों, ढोल, घोड़ी-बग्गी वालों का भी कुछ ऐसा ही हाल है.