हर राज्य, धर्म और समाज की शादी से जुड़ी कई तरह की परंपराएं होती है। भारत ही नहीं, विदेशों में भी विवाह से जुड़ी कई अजीबो-गरीब रस्में हैं जिन्हें लोग आज भी निभाते है। वहीं भारत के मध्यप्रदेश के हरदा जिले में स्थित आदिवासी अंचल में विवाह का जो तरीका आज भी चलन में है, उसके बारे में शायद ही सुना हो।
हरदा के आदिवासी अंचल में रहने वाले युवक- युवती अनोखे तरीके से अपनी शादी की रस्में निभाते है। जिला मुख्यालय से तकरीबन 70 किलोमीटर दूर आदिवासी अंचल में स्थित ‘मोरगढ़ी’ गांव में हर साल दिवाली के एक सप्ताह बाद एक अनोखा मेला लगता है। इसमें बड़ी तादाम में आदिवासी युवक-युवतियां शामिल होते हैं।
ठिठिया बाजार नामक इसी मेले में युवक और युवती अपने जीवनसाथी का चुनाव करते हैं। इसके लिए युवक और युवती एक-दूसरे को पान खिलाते है। जी हां, यहां पर परंपरा है जिसके तहत लोग अपनी पसंद का साथी चुनने के बाद पान खिलाते है। मोरगढ़ी गावं में वर्षों से यह परंपरा चली आ रही हैं।
सारा दिन मेला घूमने के बाद युवक और युवतियां एक दूसरे को पान खिला कर अपने जीवन साथी का चुनाव करते है। पान खिलाने के बाद ही शादी की भी घोषणा कर दी जाती हैं। इसके बाद दोनों अपने घर के लिए चले जाते है और शादी की जानकारी लड़की के घरवालों को पहुंचा दी जाती हैं ताकि परिवार वाले लड़की के लिए लड़के की खोजबीन न करें।