बिहार में एक दुल्हन मिसाल कायम करते हुए अपनी बारात खुद ही लेकर लड़के वालों के घर चल पहुंच गयी। लड़के के घर बारात पहुंचने पर वहां के शिव मंदिर में दोनों पक्षों की मौजूदगी में वर-वधु में एक-दूसरे के गले में वरमाला डाली और सात फेरे लेकर जिन्दगी भर एक-दूसरे का साथ निभाने का वादा किया।
दरअसल बिहार के शिवहर जिले के अंतर्गत आने वाले मिर्जापुर धोबाही गांव निवासी ललन साह के 24 वर्षीय पुत्र सुनील कुमार की शादी सीतामढ़ी जिले के रीगा प्रखंड के महेशिया गांव निवासी दीनबंधु साह की पुत्री ज्योति से तय हुई थी। इस बीच कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने राज्य में कोहराम मचा दिया जिस पर राज्य भर में लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई। कोरोना काल की वजह से आये आर्थिक संकट और पाबंदियों के बीच लड़के के पिता ललन साह ने मजबूरी वश तय समय पर बारात लाने में असमर्थता जताई और बारात लाने से मना कर दिया। लड़के पक्ष की यह बात सुन लड़की वाले मायूस हो गये। जैसे ही इस बात की जानकारी दुल्हन ज्योति को हुई उसने अपने पिता से बात की और खुद लड़के के घर बारात ले जाने की ठानी।
अब हो रही तारीफ
ज्योति के कहने पर दीनबंधु साह ने लड़के के पिता ललन साह से बात की। वहां से परमीशन मिलने के बाद ज्योति खुद अपने परिजनों और ख़ास रिश्तेदारों के साथ बारात लेकर लडके के घर मिर्जापुर धोबाही पहुंच गयी। इसके बाद लड़के वालों ने लड़की वालों की खातिरदारी की फिर स्वजनों की मौजूदगी के वर-वधू ने मिर्जापुर धोबाही स्थित बाबा दूधेश्वरनाथ महादेव मंदिर में एक-दूसरे के गले में वरमाला डाल कर अग्नि के सात फेरे लिए और एक-दूसरे को अपना जीवन साथी स्वीकार किया। शादी के बाद लड़की ससुराल में ही रह गयी और लड़की पक्ष के सभी लोग वापस चले आये। अब यह शादी इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। हर कोई इस दहेजमुक्त शादी की तारीफ कर रहा है। गांव के उपमुखिया शिवनाथ गुप्ता ने बताया कि कोरोना महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन के चलते लड़की ही बारात लेकर गांव पहुंची और शादी संपन्न हुई। वहीं लड़के की बहन रेखा कुमारी ने बताया कि यह आदर्श और दहेजमुक्त शादी थी।