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दुर्गा पूजा पंडाल में रखी कुरान, पुलिस ने आरोपी की पहचान का दावा किया

दुर्गा पूजा पंडालों पर हमलों के कम से कम तीन लोगों के मारे जाने के कुछ दिनों बाद, बांग्लादेश के कोमिल्ला की पुलिस का कहना है कि उन्होंने हिंसा भड़काने के लिए जिम्मेदार व्यक्ति की पहचान कर ली है. कोमिल्ला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) फारूक अहमद ने ढाका ट्रिब्यून को बताया कि मामले में जिस व्यक्ति की तलाश की जा रही है वह 35 वर्षीय इकबाल हुसैन है. आरोप है कि कोमिल्ला जिले के सुजानगर के रहने वाले हुसैन ने 13 अक्टूबर को नानुआ दिघिर पर पूजा मंडप में कुरान की एक कॉपी रखी थी.

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि गुरुवार को एक ब्रीफिंग के दौरान हुसैन की संलिप्तता के बारे में विस्तार से बताया जाएगा. बांग्लादेश में पुलिस ने पंडाल में लगे निगरानी कैमरों से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज की जांच करने के बाद हिंसा में इकबाल हुसैन को आरोपी माना है. पुलिस को मिले सीसीटीवी फुटेज में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि इकबाल मस्जिद से कुरान की एक कॉपी लेकर दुर्गा पूजा स्थल तक जाता है. बाद में उसे भगवान हनुमान की एक मूर्ति के पास भीड़ के साथ चलते हुए देखा गया.

कोमिल्ला एसपी फारूक अहमद ने यह भी कहा कि आरोपी इकबाल हुसैन फरार है और उसे अभी तक हिरासत में नहीं लिया गया है. इकबाल के भाई और परिवार के अन्य सदस्यों को संदेह है कि किसी ने उसकी मानसिक स्थिति का फायदा उठाया होगा और वह भी पुलिस को उसका पता लगाने में मदद कर रहा है. बता दें कि इस हिंसा के सिलसिले में कोमिल्ला पुलिस ने चार मामले दर्ज किए हैं और 41 गिरफ्तारियां की हैं. गिरफ्तार किए गए लोगों में से चार कथित तौर पर इकबाल हुसैन के सहयोगी हैं. इकबाल की मां, अमीना बेगम ने ढाका ट्रिब्यून को बताया कि वह एक ड्रग एडिक्ट है और लगभग 10 साल पहले कुछ पड़ोसियों द्वारा उसके पेट में छुरा घोंपने के बाद से मानसिक रूप से बीमार है.

गौरतलब है कि बीते 7 अक्टूबर को बांग्लादेश में चांदीपुर के हाजीगंज उपजिला में दुर्गा पूजा समारोह के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई. यहां 60 लोग घायल हो गए. इस दौरान चटगांव के बांसखाली, कॉक्स बाजार के पेकुआ और शिवगंज के चापाईनवाबगंज समेत कुल 80 से अधिक स्थानों पर हमले किए गए, जिससे देश में अराजकता फैल गई. वहीं, इसके बाद 10 अक्टूबर को इस हिंसा का विरोध कर रहे लोगों पर भी हमले हुए और फिर ढाका से लगभग 157 किलोमीटर दूर फेनी में हिंदू मंदिरों और साथ ही दुकानों में तोड़फोड़ और लूटपाट को अंजाम दिया गया.