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दिल्‍ली पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग के 10 गुर्गों को दबोचा, देश में फैलाना चाहते थे दहशत

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल (special sale) ने लंदन में बैठकर कॉन्ट्रैक्ट किलिंग के जरिए दहशत फैलाने की फिराक में जुटे लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) के राइट हैंड व भारत सरकार द्वारा आतंकी घोषित किए गए गोल्डी बराड़ गिरोह के एक नाबालिग समेत 10 गुर्गों को देश के अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया है। पैन इंडिया ऑपरेशन के तहत स्पेशल सेल ने दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार तक का सफर तय कर इस नेटवर्क से जुड़े गुर्गों के संभावित ठिकानों पर छापेमारी के बाद इन्हें दबोचा।

आरोपियों के कब्जे से 7 पिस्तौल, 31 जिंदा कारतूस और 11 मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। पुलिस के मुताबिक वारदात को अंजाम देने के लिए बदमाशों को हथियार मुहैया कराए गए थे, लेकिन इस बीच स्पेशल सेल को इनके नापाक इरादों के बारे में पता चला। इस इनपुट के बाद गत 24 अप्रैल से दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में सेल ने गिरोह के खिलाफ ऑपरेशन चलाया और अलग-अलग जगहों से इन्हें दबोच लिया।

सेल ने दिल्ली, यूपी और पंजाब से दो-दो और राजस्थान, एमपी, हरियाणा और बिहार से एक-एक आरोपी को दबोचा है। आरोपियों से पूछताछ में पुलिस को पता चला कि कुछ शूटर्स लगातार सतिंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ के संपर्क में थे। एजेंसियों को चकमा देने के लिए ये सभी फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप और अन्य चैट प्लेटफॉर्म के माध्यम से एक दूसरे से जुड़े हुए थे।

इन देशों से हो रहा है संचालन
तकनीकी जांच के आधार पर मिली लोकेशन के जरिये यह खुलासा हुआ है कि ये एजेंसियों से बचने के लिए विदेश चले जाते हैं। यह भी खुलासा हुआ है कि मुख्यत इनका ऑपरेशन अजरबैजान, दुबई, यूके, यूएसए, ऑस्ट्रिया व पुर्तगाल व कनाडा से हो रहा है।

इन राज्यों में फैले हैं गुर्गे
दिल्ली-एनसीआर के इन कुख्यात गैंगस्टर के नेटवर्क की बात करें तो एजेंसियों के मुताबिक इनका नेटवर्क दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, यूपी, बिहार व पंजाब तक फैला है। साथ ही पाकिस्तानी खुफिया इकाई इन्हें रकम का लालच देकर नार्को टेररिज्म का नेटवर्क स्थापित करने में जुटी है।

खालिस्तानी नेटवर्क के साथ लिंक सामने आए
स्पेशल सेल के पूर्व ज्वाइंट कमिश्नर अशोक चांद का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में गैंगस्टर बेशक पकड़े जाते हैं, लेकिन ये अपने गैंग का ऑपरेशन जारी रखने के लिए अपने गुर्गों का इस्तेमाल करते हैं और हाल-फिलहाल की कुछ घटनाओं में अंडरवर्ल्ड व खालिस्तानी नेटवर्क के साथ कुछ गैंगस्टर के लिंक सामने आए हैं। ऐसे में मेरा निजी अनुभव है कि विदेश फरार हुए गैंगस्टर के अंडरवर्ल्ड व आतंकियों से सांठगांठ में आईएसआई ने पूरा जोर लगा रखा है। साथ ही ये गैंगस्टर भी जबरन वसूली कर रहे हैं।