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दलितों पर अत्याचार के खिलाफ सियासत, कांग्रेस ने की राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग

मध्य प्रदेश में दलित और आदिवासियों के खिलाफ हुए अपराध और अत्याचार के मामलों पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. कांग्रेस लगातार बीजेपी सरकार को दलित विरोधी बताते हुए कटघरे में खड़ा कर रही है. प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में एससी मोर्चा की बैठक के बाद कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया साथ ही राज्यपाल को राष्ट्रपति के नाम सौपे ज्ञापन में मध्य प्रदेश सरकार को भंग कर राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है.

बैठक के दौरान कांग्रेस एससी मोर्चा के पदाधिकारी बीजेपी सरकार पर जमकर बरसे. साथ ही आने वाले समय में सरकार के खिलाफ आंदोलन को लेकर भी रणनीति तैयार की. कांग्रेस का आरोप है पूरे प्रदेश में अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग का शोषण और अत्याचार हो रहा है. हाल ही में दमोह जिले के दलित परिवार के तीन सदस्यों की गोली मारकर हत्या कर दी गई, नरसिंहपुर जिले के करेली में एक दलित महिला की संदिग्ध अवस्था में लाश मिली, पन्ना जिले में अनुसूचित जाति वर्ग के दो मासूम बच्चों की गला रेत कर हत्या कर दी गई. वहीं खंडवा में 4 साल की बच्ची से गैंगरेप का मामला सामने आया है, जिसे बाद में मौत के घाट उतार दिया गया. इतना ही नहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा के इशारे पर दलित और आदिवासी नेताओं को सम्मान नहीं दिया जा रहा.

कांग्रेस ने बीजेपी सरकार को बताया दलित विरोधी
कांग्रेस एससी मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने बैठक के बाद सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया, कांग्रेस कार्यकर्ता राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल को ज्ञापन देने राजभवन चाहते थे लेकिन पुलिस ने पीसीसी के पास ही बैरिकेडिंग कर कार्यकर्ताओं को रोक दिया. इस दौरान कांग्रेसियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए सरकार को दलित और आदिवासी विरोधी बताया. कांग्रेस का कहना है प्रदेश की सरकार जनता को सुरक्षा मुहैया नहीं करा पा रही है, लिहाजा प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए.

कांग्रेस निकालेगी संविधान बचाओ यात्रा
मध्य प्रदेश में सत्ता के लिहाज से देखा जाए तो दलित और आदिवासी वोट बैंक खासा महत्व रखता है. 47 सीटें आदिवासी और 35 सीटें दलित वर्ग के लिए आरक्षित हैं. लिहाजा कांग्रेस इस वर्ग को साधने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती और आने वाले समय में देश में संविधान और आरक्षण बचाओ यात्रा निकाली जाएगी. इसके तहत कांग्रेस घर-घर पहुंचकर दलित और आदिवासियों पर हुए अत्याचार और अपराधों को लेकर सरकार के खिलाफ माहौल बनाने का काम करेगी.