दुनिया में अलग-अलग बोली-भाषा के साथ खान-पान भी अलग है. चीन के अजीबोगरीब फूड कल्चर से सभी वाकिफ है. वहां सांप का भी सूप भी बन जाता है. बहुत से देशों में नॉन वेज के नाम पर चिकन, मटन के अलावा कुत्ते का मांस (Dog Meat) भी खाया जाता है. यहां बात दक्षिण कोरिया(South Korea) की जहां के राष्ट्रपति मून जे-इन (Moon Jae-in) ने कुत्ते के मीट के सेवन पर बैन लगाने की बात कही है.
विवादास्पद प्रथा पर बहस
राष्ट्रपति मून जे-इन का बयान ऐसे वक्त पर आया है, जब देश में पशु अधिकार और खाने के लिए कुत्तों को मारने की विवादास्पद प्रथा पर बहस चल रही है. अभी कुछ समय पहले देश के लीगल काउंसिल के डायरेक्टर जनरल चोंग जे-मिन (Choung Jae-min) ने अपने इंटरव्यू में कहा था कि देश में जानवरों को कानूनी दर्जा देने के लिए नागरिक संहिता में संशोधन करने की योजना बना रहा है. उनके मुताबिक जो लोग अपने पालतू जानवरों को छोड़ देते हैं उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी.
चुनाव से पहले राजनीतिक दलों ने किया वायदा
देश में खाने के नाम पर हर साल लाखों कुत्तों को मार दिया जाता है. हालांकि जानकारों का कहना है कि चीन, साउथ कोरिया और आस-पास के देशों में कुत्ते के मीट खाने का चलन कम हुआ है. इसके बावजूद देश में डॉग मीट पर बैन की मांग एक बार फिर से तेज हुई है. देश में अगले साल चुनाव होने हैं. सभी दलों ने एनिमल एक्टिविस्ट की मांग पर गौर फरमाने का वायदा किया है.
मर्दानगी के नाम पर लाखों जानवरों का कत्ल?
देश में इस बहस के बीच ऐतिहासिक दस्तावेजों के हवाले से कहा जा रहा है कि गोरियो और जोसियन राजवंश के दौरान कुत्ते के मांस का सेवन किया जाता था. उस दौर में भी अन्य जानवरों की तुलना में डॉग मीट का चलन इसलिए भी बढ़ा क्योंकि ये आसानी से मिल जाता था. देश में कई दशकों से इस पर बैन की मांग की जा रही है. इसके बावजूद एक प्रथा के नाम पर खासकर देश के पुरुषों ने कुत्ते का मांस खाना बंद नहीं किया. दरअसल कुत्ते के मांस को मर्दानगी और समाज के ताकतवर समूह से जोड़ा गया इसलिए इसका चलन बंद नहीं हुआ.