दक्षिण अफ्रीका के वयोवृद्ध राजनेता मंगोसुथु बुथेलेजी का शनिवार तड़के निधन हो गया। इंकाथा फ्रीडम पार्टी के मानद अध्यक्ष बुथेलेजी ने पिछले हफ्ते ही अपना 95वां जन्मदिन मनाया था। उन्हें पीठ दर्द के लिए ऑपरेशन के बाद दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, जिसके चलते उन्हें अगस्त में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद ठीक होने के लिए वह घर लौट आए थे।
जी-20 में सिरकत करने भारत पहुंचे राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने शनिवार सुबह एक बयान के जरिए बुथेलेजी के निधन की पुष्टि की। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ‘क्वाफिंडांगने के राजकुमार प्रिंस मंगोसुथु बुथेलेजी के निधन की घोषणा करते हुए मुझे बहुत दुख हो रहा है। प्रिंस मंगोसुथु बुथेलेजी हमारे देश के राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन में एक उत्कृष्ट नेता रहे हैं, जिसमें हमारे मुक्ति संग्राम के उतार-चढ़ाव, 1994 में हमारी आजादी को सुरक्षा और हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था शामिल है।’
उन्होंने कहा, ‘बुथेलेजी एक दुर्जेय नेता थे, जिन्होंने सात दशकों तक हमारे देश के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’ बयान में कहा गया है कि बुथेलेजी के शोक और सम्मान की व्यवस्था के बारे में घोषणा सरकार और परिवार के बीच परामर्श के आधार पर उचित समय पर की जाएगी। बुथेलेजी के निधन के बाद शनिवार सुबह से ही उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया।
बुथेलेजी के परिवार ने उन्हें ‘दक्षिण अफ्रीका का सबसे सच्चा चैंपियन और सबसे बड़ा सेवक’बताया। उन्होंने कहा, इस नुकसान को कई लोग गहराई से महसूस करेंगे और कई लोग आने वाले दिनों में अपने संवेदना व्यक्त करना और सम्मान देना चाहेंगे। परिवार महामहिम राजा और शाही परिवार, महामहिम राष्ट्रपति, बुथेलेजी कबीले और आईएफपी के नेतृत्व को शामिल करेगा, क्योंकि आवश्यक अंतिम संस्कार की व्यवस्था की जानी है। इस संबंध में आगे के विवरण की घोषणा उचित समय पर की जाएगी।
नेल्सन मंडेला फाउंडेशन ने एक बयान में बुथेलेजी के निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें ‘दक्षिण अफ्रीका के इतिहास में एक प्रमुख व्यक्ति’ बताया। फाउंडेशन ने कहा, ‘उनकी एक प्रभावशाली और जटिल विरासत है, जिसमें राजनीतिक संघर्षों में जातीय पहचानों को जुटाना, शांति स्थापित करना, राष्ट्रीय एकता की सरकार में सेवा करना और दक्षिण अफ्रीका में लोकतंत्र को काम करने के लिए समर्पित करना शामिल है।’