साल 2020 की शुरुआत से ही कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लिया हुआ है। खतरें की बात ये है कि अब कोरोना वायरस लगभग हर देश में बेकाबू हो गया है। भारत में भी कोरोना वायरस ने अपने रिकॉर्ड तोड़ दिए है। यहां पर लगभग 1 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। ऐसे में सरकार ने फेस्टिवल सीजन को ध्यान में रखते हुए कई तरह की गाइडलाइंस जारी की है। दरअसल त्योहारों के सीजन में कई तरह के कार्यक्रम होते है। ऐसे में सांस्कृतिक कार्यक्रम में अधिक से अधिक भीड़ इकट्ठा होती है लेकिन इन फेस्टिव सीजन में इन कार्यक्रम की वजह से कोरोना फैलना का डर है। इसी वजह से स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाइडलाइंस जारी की है। जिसे पालन करना जरूरी है।
कंटेनमेंट जोन में नहीं होंगे कार्यक्रम
स्वास्थ्य मंत्रालय ने नए दिशा-निर्देशों के तहत एक एसओपी जारी किया है। जिसका पालन फेस्टिव सीजन में इवेंट मैनेजर, सेलेब्स और कर्मचारियों को करना होगा। दरअसल नवरात्रों का जिक्र किया है। कोरोना के बढ़ते खतरें की वजह से सरकार ने कंटेनमेंट जोन में किसी भी तरह के कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी है। एसओपी मे कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन मे किसी भी तरह के धार्मिक पूजा-पाठ, कार्यक्रम, मेले, सांस्कृतिक कार्यक्रम, जुलूस और लोगों को एकत्रित होने वाले किसी भी तरह की कार्यक्रम की अनुमति नहीं होगी। इतना ही नहीं, धार्मिक कार्यक्रम और स्थलो के पंडालों में मूर्तियों को भी छूने पर सख्त मनाही होगी। साथ की बढ़ते कोरोना की वजह से साफ-सफाई का पूरी तरह ध्यान रखा जाएगा। थर्मल स्क्रीनिंग और सैनेटाइजेशन की व्यवस्था व्यापक स्तर पर होगी। ताकि लोगों के बीच कोरोना का खतरा कम से कम हो।
मूर्ति विसर्जन के लिए पूर्व निर्धारित होंगी जगह
एसओपी के मुताबिक, सरकार ने 65 साल से अधिक व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं और 10 साल से कम उम्र वाले बच्चों घर में रहने की सलाह दी है। जिससे लोग कोरोना की चपेट में आने से बचेंगे। नवरात्रों में मूर्ति विसर्जन की जगहें भी पहले से ही निर्धारित की जाएगी। वहीं, कार्यक्रम में कम से कम लोगों को बुलाने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा सामूहिक गायकों को बुलाने की अनुमति नहीं दी गई। ऐसे में जितना हो सकता है रिकॉर्ड किए गए भक्ति वाले संगीत बनाए। कार्यक्रम में सोशल डिस्टेसिंग का भी ध्यान रखने के लिए कहा गया है। जिसके लिए उचित चिह्न भी बनाने का आदेश दिया गया है।
फेस्टिव कार्यक्रम के दौरान करना होगा इन नियमों का पालन
1- धार्मिक कार्यक्रम करने से पहले उस जगह की विस्तृत जानकारी लें और उसके बाद ही कार्यक्रम की शुरुआत करें। इस दौरान कार्यक्रम में थर्मल स्क्रीनिंग, शारीरिक दूरी के नियम और सैनेटाइजेशन की पूरी व्यवस्था रखें। जिसका पालन लोग आसानी से कर सके।
2- कोरोना वायरस भीड़ में बड़ी तेजी से फैलता है। ऐसे में रैली और विसर्जन जुलूस के मामले में लोगों की संख्या निर्धारित सीमा से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। ताकि कोरोना वायरस का फैलने का खतरा कम से कम हो।
3- त्योहारों के दिनों में कई तरह के जुलूस निकालें जाते है। ऐसे में जितनी भी लंबी रैली और जुलूस होंगे। उनमें एंबुलेंस की सेवाएं हर जगह उपलब्ध होगी।
4- त्योहारों के सीजन में अधिकतर कार्यक्रम एक या उससे ज्यादा दिनों के लिए होते है। ऐसे में जो भी कार्यक्रम कई दिनों तक चलने वाले होंगे। जैसे प्रदर्शनी, मेला, पूजा पंडाल, रामलीला पंडाल। इन कार्यक्रमों में लोगों की अधिकतम संख्या सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त उपाय होने चाहिए।
5- कार्यक्रम में कोरोना से बचने के लिए वालेंटियर्स को थर्मल स्कैनिंग, फिजिकल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनाकर तैनात किया जाए।