उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के आगरा (Agra) स्थित विश्व प्रसिद्ध स्मारक ताजमहल (Tajmahal) में 27 अप्रैल को भगवा वस्त्र पहने होने की वजह से प्रवेश नहीं देने का दावा करने वाले अयोध्या के संत का एक और वीडियो सामने आया है. वीडियो में संत ने 5 मई को दोबारा ताजमहल में जाने की बात कही है. उन्होंने आगरा में धर्म संसद आयोजित करने की घोषणा भी की है.
‘ताजमहल में शिव की प्रतिमा स्थापित करेंगे’
उन्होंने आगे कहा कि संविधान का पालन करते हुए वो भारत को ‘हिंदू राष्ट्र’ घोषित करेंगे और ताजमहल में शिव की प्रतिमा स्थापित करेंगे. हालांकि, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधिकारी ने कहा कि संत को भगवा वस्त्र पहने होने की वजह से नहीं रोका गया और मैंने उनसे बात की और ताजमहल आने के लिए आमंत्रित किया.
संत का वीडियो हुआ वायरल
बता दें कि हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें संत ने अपना परिचय अयोध्या स्थित तपस्विनी चवणी पीठाधीश्वर के जगद्गुरु परमहंसाचार्य के तौर पर दिया है और दावा किया है कि ताजमहल वास्तव में तेजो महालय है.
‘लोगों से की ताजमहल पहुंचने की अपील’
संत ने कहा, ‘दौरे के दिन सनातन धर्म संसद का आयोजन होगा और भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाएगा. ये गतिविधियां संविधान का अनुपालन करते हुए की जाएगी. मैं हिंदू संगठनों के सदस्यों, लोगों और अन्य लोगों ने बड़ी संख्या में ताजमहल पहुंचने की अपील करता हूं.’
ताजमहल में जाने से रोकने पर कही ये बात
ताजमहल में प्रवेश करने से कथित तौर पर रोके जाने के संबंध में संत ने कहा, ‘भगवा वस्त्र के कारण 27 अप्रैल को मुझे प्रवेश देने से रोका गया और मैं लौट आया. उसके बाद प्रदर्शन हुआ और राजकुमार पटेल (एएसआई अधिकारी) ने माफी मांगी और मुझे दोबारा आने के लिए आमंत्रित किया. मैं पांच मई को ताजमहल जाऊंगा और वहां भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करूंगा.’
मकबरे के बारे में किया या दावा
मकबरे के बारे में उन्होंने दावा किया, ‘आगरा में तेजो महालय है, जिसे मुगल ताजमहल कहते हैं और इतिहास को गलत तरीके से रखा गया. वो भगवान शिव का मंदिर है.’ जब आगरा परिक्षेत्र के एएसआई अधीक्षक राजकुमार पटेल से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा, ‘इस वायरल वीडियो के बारे में मुझे कुछ नहीं कहना. उन्हें (संत को) भगवा कपड़ों की वजह से नहीं रोका और उसके बाद मैंने उनसे बात की और ताजमहल आने का न्योता दिया.’