नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने चौथे चरण की जेईई मेंस परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। इन परीक्षाओं में 44 छात्रों ने शत प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। वहीं 18 छात्र जेईई मेंस परीक्षाओं में नंबर वन रैंक हासिल करने में कामयाब रहे हैं। टॉप करने वाले इन 18 छात्रों में से 2 छात्र दिल्ली रीजन के हैं।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि टॉप करने 18 छात्रों में दिल्ली से रुचिर बंसल और काव्या चोपड़ा शामिल हैं। कर्नाटक के गौरब दास, बिहार के वैभव विशाल, आंध्र प्रदेश के डी वैंकटा पनीस, राजस्थान के सिद्धांत मुखर्जी, उत्तर प्रदेश के अमिया सिंघल, राजस्थान से मृदुल अग्रवाल, तेलंगाना से कोम्मा, तेलंगाना से ही वेंकट आदित्य, महाराष्ट्र से अभिजीत टांबट, आंध्र प्रदेश से ही वीरा सिलवा, आंध्र प्रदेश के राहुल नायडू और कर्णम लोकेश शामिल हैं। इनके अलावा इन 18 छात्रों में पंजाब से क्षेत्र से पुलकित गोयल, उत्तर प्रदेश से पाल अग्रवाल, चंडीगढ़ से गुरमीत सिंह और राजस्थान से अंशुल वर्मा भी शामिल हैं।
आपको बता दें, चौथे चरण का यह ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा 26, 27, 31 अगस्त के साथ साथ 1 व 2 सितंबर 2021 को आयोजित किया गया था। चौथे सत्र की परीक्षा के लिए 7.3 लाख से अधिक छात्रों ने पंजीकरण कराया था। जेईई मेंस के चारों सत्रों में से 2.5 लाख सफल छात्रों को जेईई एडवांस परीक्षा देने का मौका मिलेगा।
गौरतलब है कि अभी तक जेईई मेन के चारों चरण की परीक्षाएं ली जा चुकी हैं। अब इन परीक्षाओं के आधार पर जेईई एडवांस में शामिल होने वाले छात्रों का चयन किया जाएगा। मेरिट के आधार पर चुने गए छात्र जेईई एडवांस का टेस्ट देंगे। इस बार छात्रों को नई शिक्षा नीति के तहत अंग्रेजी समेत 13 भारतीय भाषाओं में यह इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा देने का अवसर दिया जा रहा है।
जेईई एडवांस परीक्षा के नतीजों के देश की 23 आईआईटी, 31 एनआईटी, 23 ट्रिपल आईटी, सहित जेएफटीआई की 40 हजार से अधिक सीटों पर दाखिले होंगे। देशभर के आईआईटी संस्थानों में प्रवेश के लिए जेईई (एडवांस्ड) 2021 की परीक्षा इस वर्ष 3 अक्टूबर, 2021 को आयोजित की जाएगी। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी जेईई मेन्स में शामिल होने वाले 23 परीक्षा केंद्रों के 400 से अधिक उम्मीदवारों की जांच कर रही है।
इस साल पहली बार, जेईई मेन्स चार चरणों में आयोजित किया गया था, जिससे छात्रों को यह परीक्षा देने के चार मौके मिले। इन परीक्षाओं में कुछ छात्र ऐसे रहे जिनके एक पहली परीक्षा में 50 प्रतिशत या उससे भी कम अंक थे। अगली परीक्षा में इनके अंक बढ़कर 90 फीसदी से अधिक हो गए। अब एनटीए अपने स्तर पर ऐसे छात्रों की परीक्षा व अन्य जांच कर रहा है।