महाराष्ट्र के कल्याण जिले में वड़ापाव बेचने वाले के बेटे को किडनैप करने वाले चार आरोपियों को सीआईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों ने बुधवार को 9 साल के कृष्णा को किडनैप कर 40 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी. शिकायत मिलते ही सीआईडी एक्शन में आई और दो दिन में ही आरोपियों को गिरफ्तार कर बच्चे को सकुशल छुड़ा लिया. कल्याण जिले के अंबरनाथ थाना इलाके में रहने वाले सोनू कुमार बरेलाल के 9 साल के बेटे कृष्णा को गुरुवार को किडनैप कर लिया गया था. सोनू वड़ापाव और स्नैक्स की दुकान चलाते हैं. उनका बेटा कृष्णा न्यू डेक्कन इंग्लिश स्कूल में चौथी कक्षा में पढ़ता है. अभी स्कूल बंद हैं, लेकिन वो ट्यूशन जाता है. रोज की तरह बुधवार को भी कृष्णा ट्यूशन गया था, लेकिन घर नहीं लौटा. परिजनों ने उसकी तलाश की, लेकिन वो नहीं मिला.
गुरुवार को सोनू ने शिवाजीनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई कि अंबरनाथ पूर्व के परशुराम रेजीडेंसी से आने के दौरान किसी ने उनके बेटे को अगवा कर लिया है. शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की. इसी बीच, कृष्णा के माता-पिता को फिरौती की धमकी दी गई और कहा गया कि अगर वो अपने बेटे को सुरक्षित चाहते हैं तो 40 लाख रुपये दें. किडनैपर्स ने इंटरनेट कॉल का इस्तेमाल किया था. घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस कमिश्नर जयजीत सिंह ने अपराध शाखा और उल्हासनगर पुलिस को जांच के निर्देश दिए. पुलिस ने मोबाइल लोकेशन, सीसीटीवी फुटेज और अन्य तकनीकी विवरणों के आधार पर किडनैपर्स की तस्वीरें खींची और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके जांच शुरू की. इसी बीच क्राइम ब्रांच को मुखबिर से किडनैपर्स की सूचना मिली, जिसके आधार पर जाल बिछाया गया और चारों को हिरासत में ले लिया गया. आरोपियों के पास कृष्णा को सकुशल बचा लिया गया.
गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम प्रभात कुमार अमरसिंह (30), अमजद मंसूर खान (23), योगेंद्र जवाहरलाल सिंह (20) और सुनिल सीताराम लाड (57) है. अपर पुलिस आयुक्त अशोक मोराले ने बताया कि इनमें से एक आरोपी तीन-चार दिन से इलाके में घूम रहा था. वो क्रिकेट खेलने, चॉकलेट और अन्य चीजें देकर कृष्णा से जान पहचान बढ़ा रहा था ताकि लोगों को शक न हो. जब लड़का ट्यूशन गया तो एक आरोपी लड़के पास आया और कहा कि, आपके माता-पिता बीमार हैं, आप अकेले घर नही रह पाओगे और बच्चे को अपने घर ले गया था. लेकिन बच्चे को नही पता था कि उसे अपहरण कर लिया गया हैं. पुलिस द्वारा लड़के को उसके परिवार के सुपुर्द किए जाने पर उसके माता-पिता ने राहत की सांस ली और लड़के के पिता ने पुलिस को धन्यवाद कहा.