हिंदू धर्म में शिवरात्रि का खास महत्व होता है। सावन में भगवान शिव की पूजा-अराधना की जाती है। सावन में पूजा का विशेष महत्व मना जाता है। भगवान शिव का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक का बड़ा महत्व है। मान्यता है कि सावन की शिवरात्रि पर जलाभिषेक करने से भक्त के सभी संकट दूर हो जाते हैं. उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। वैसे तो मासिक शिवरात्रि प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को पड़ती है। 24 जुलाई को आषाढ़ मास खत्म होगा और श्रावण मास का प्रारंभ होगा। इस दिन शिव भक्त फलाहारी व्रत भी रखते हैं और भगवान शिव की विधि विधान से पूजा करते हैं। माना जाता है कि भगवान शिव का व्रत रखने से व्यक्ति के सभी दुखों का नाश होता है।
बता दें कि इस साल सावन 25 जुलाई से शुरू होकर 22 अगस्त तक रहेगा। इस दौरान कुल 4 सोमवार पड़ेंगे। कुंवारी कन्याएं इस दौरान सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए सावन में पूजा-अर्चना करती हैं। मान्यता है कि व्रत रखने से विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं।
सावन के सोमवार की तारीख
सावन का पहला सोमवार 26 जुलाई, दूसरा सोमवार 2 अगस्त, तीसरा सोमवार 9 अगस्त और चौथा सोमवार 16 अगस्त को पड़ेगा। सावन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि व्रत रखा जाएगा. इस बार सावन शिवरात्रि व्रत 6 अगस्त 2021, शुक्रवार को पड़ रहा है।
पूजा का शुभ मुहूर्त व तिथि
चतुर्दशी तिथि 6 अगस्त 2021, शुक्रवार को शाम 6 बजकर 28 मिनट से शुरू होगी और 7 अगस्त 2021 की शाम 7 बजकर 11 मिनट तक रहेगी।
निशिता काल पूजा मुहूर्त आरंभ- 7 अगस्त 2021, शनिवार की सुबह 12 बजकर 06 मिनट से
निशिता काल पूजा मुहूर्त समाप्त- 7 अगस्त 2021, शनिवार की दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक
शिवरात्रि व्रत पारण मुहूर्त- 7 अगस्त की सुबह 5 बजकर 46 मिनट से दोपहर 3 बजकर 45 मिनट तक
पूजा विधि
इस दिन प्रातः काल स्नानादि करके घर पर या मंदिर में शिव जी की आराधना करनी चाहिए तथा शिवलिंग पर जल चढाएं. पूजा के समय शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी इत्र, चन्दन, भांग, धतूरा, गंगाजल, सफ़ेद, फूल आदि चढ़ाना चाहिये।