जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में बीती रात से ही आतंकियों के साथ मुठभेड़ जारी है। इस मुठभेड़ में सेना के जूनियर कमिशंड ऑफिसर सहित सेना के दो कर्मी शहीद हो गए। । यह मुठभेड़ पुंछ के मेंढर सेक्टर में चल रही है, जहां सेना ने नरखास के जंगलों में आतंकियों को घेर रखा है। मुठभेड़ लगातार जारी है।
रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता के अनुसार, मेंढर संभाग के नार खास वन क्षेत्र में बृहस्पतिवार शाम एक आतंकवाद रोधी अभियान में जेसीओ और एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे। दोनों की ही मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि अभियान अब भी जारी है। जवान का शव मुठभेड़ स्थल से निकाल लिया गया और जेसीओ का शव अभी वहां से निकाला जाना बाकी है।
पहाड़ी और जंगली इलाके के कारण अभियान में मुश्किल आ रही है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मंगलवार को कहा था कि पुंछ में सुरक्षा बलों पर हाल ही में हुए हमले में शामिल आतंकवादी पिछले दो से तीन महीनों से इलाके में मौजूद थे। इस हमले में एक जेसीओ सहित सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे।
राजौरी-पुंछ क्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) विवेक गुप्ता ने पत्रकारों से कहा कि आतंकवादियों को घेर लिया गया है। ‘‘ यह समूह दो-तीन महीने से इलाके में मौजूद था।’’ इस साल राजौरी और पुंछ सीमावर्ती जिलों में कई आतंकवाद रोधी अभियान चलाए गए और कई मुठभेड़ हुई हैं।
पुंछ के सुरनकोट इलाके में डेरा की गली (डीकेजी) में 12 अक्टूबर को हुई एक मुठभेड़ में एक जेसीओ सहित पांच सैन्य कर्मी मारे गए थे। वहीं, 12 सितंबर को राजौरी के मंजाकोट के ऊपरी इलाकों में तलाश अभियान के बाद सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में एक अज्ञात आतंकवादी मारा गया था। 19 अगस्त को राजौरी के थानामंडी इलाके में हुई मुठभेड़ में एक जेसीओ की जान चली गई थी। छह अगस्त को थानामंडी सीमवर्ती इलाके के पास हुई मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी मारे गए थे।