जून महीने में LAC पर गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई। जिसके बाद से चीन और भारत का तनाव चरम पर है। इतना ही नहीं, LAC पर सेना को अलर्ट मोड पर रखा गया है ताकि भारत चीन की हर नापाक हरकत का जवाब दे सके। और ऐसा हुआ भी। हाल ही में 29 और 30 अगस्त को भारतीय सेना और चीनी सैनिकों का आमना-सामना हुआ। खबर आई थी कि चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) और भारतीय सेना के बीच पैंगोंग झील के पास झड़प हुई है और इस झड़प में भारतीय सेना ने चीन के सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए पीछे ढकेल दिया। इतना ही नहीं, भारतीय जवानों ने इस रणनीतिक रूप से एक अहम पोस्ट पर कब्जा भी किया। इसके लिए भारतीय सेना 4 किलोमीटर अंदर तक घुस गई थी। जिसके बाद हर कोई भारतीय सेना के इस कारनामे की पीछे की कहानी जानना चाहता है।
भारत-चीन आमने-सामने
सूत्रों के मुताबिक, 29/30 अगस्त की रात PLA के तकरीबन 500 सैनिकों ने स्पंग्गुर (एक संकरी घाटी चुशुल विलेज के करी) की डोमिनेटिंग हाइट्स पर कब्जा करने की कोशिश की। इस क्षेत्र पर आज तक न तो भारत का कब्जा रहा है और न ही चीन का कब्जा रहा है लेकिन अब चीन ने इसे अपने हिस्से में शामिल करने की नापाक हरकत को अंजाम देने की कोशिश की। वहीं, इस दौरान भारतीय सैनिकों ने अलर्ट मोड पर रहकर चीन को चौंका दिया। दरअसल इस इलाके में भारतीय सेना ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस उपकरण तैनात किए हुए है। जिसके जरिए ही सेना पहले ही PLA आर्मी की सारी हरकत और मूवमेंट के बारे में अलर्ट हो गई थी।
चीनी पोस्ट पर कब्जा
भारतीय सेना ने इस इलाके में चीनी सेना को आगे बढ़ने से रोक दिया। इस दौरान दोनों देशों के सेनाओं के बीच कुछ वक्त तक हैंड टू हैंड कॉम्बैट भी हुआ लेकिन इसके बाद भारतीय सेना ने PLA के सैनिकों को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया। भारत की तरफ से इंडियन आर्मी की विकास बटालियन ने चीनी सैनिकों का सामना किया। इस बटालियन को स्पेशल फ्रांटियर फोर्स भी कहा जाता है। ये बटालियन 30 अगस्त के तड़के चीनी पोजीशन के बीच बिना कब्जे वाले इलाके की ओर आगे बड़ी और एक अहम चीनी पोस्ट को अपने कब्जे में ले लिया। इस इलाके में भारतीय सेना लगभग 4 किलोमीटर अंदर तक घुस चुकी है। जो भारत की बहुत बड़ी जीत है।
बौखलाया चीन
सूत्रों के मुताबिक विकास फ़ोर्स के इस ऑपरेशन में PLA को काफी नुकसान झेलना पड़ा। वहीं, दूसरी तरफ भारत के इस कदम से चीन भी बौखला गया है। चीन ने अब भारत से इस इलाके से पीछे हटने की मांग की है।