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चीन ने दी एयर स्ट्राइक की चेतावनी, दुनिया में मची खलबली

पाकिस्तानी कहते हैं, पहाड़ों से ऊंची और महासागरों से गहरी है चीन और पाकिस्तान की दोस्ती, लेकिन पाकिस्तान में 9 चीनी इंजीनियर क्या मारे गये, चीन ने पाकिस्तान के नाकों में दम कर दिया है। चीन फिलहाल पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बन गया है और चीन ने अपने इंजीनियरों के मारे जाने का बदला लेते हुए सीपीईसी प्रोजेक्ट का काम रोक दिया है और चीन ने धमकी दी है कि वो कभी भी पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक कर सकता है। इसके साथ ही पाकिस्तानी मीडिया की तरफ से एक रिपोर्ट आ रही है कि चीन ने दसू दल विद्युत परियोजना का काम भी रोक दिया है, जो पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा झटका है।


पाकिस्तान पर आग-बबूला चीन

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक बस में हुए बम विस्फोट में नौ चीनी इंजीनियर मारे गए हैं। जिसके बाद चीन ने सख्त एक्शन लेते हुए दसू जलविद्युत परियोजना का काम रोक दिया है। चाइना गेझोउबा ग्रुप कंपनी (सीजीजीसी) चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के हिस्से के रूप में दसू के पास एक नदी पर जलविद्युत संयंत्र का निर्माण कर रही थी। लेकिन, अब चीनी कंपनी ने काम रोक दिया है। वहीं, चीन ने कहा है कि वो कभी भी पाकिस्तान के अंदर एयरस्ट्राइक कर सकता है। चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि पाकिस्तान आतंकियों पर किस तरह से कार्रवाई कर रहा है, उसपर वो नजर रख रहा है और अगर चीन पाकिस्तानी कार्रवाई से संतुष्ट नहीं होता है, तो चीन की वायुसेना पाकिस्तान स्थिति आतंकी संगठनों पर एयरस्ट्राइक करने से भी परहेज नहीं करेगी।


पाकिस्तानियों को नौकरी से निकाला

एक बयान जारी करते हुए चीन की कंपनी सीजीजीसी ने कहा है कि “सीजीजीसी दासू एचपीपी मैनेजमेंट ने पाकिस्तान के औद्योगिक और वाणिज्यिक अध्यादेशों का पालन करने वाले सभी पाकिस्तानी कर्मियों को नौकरी से निकालने का फैसला किया है”। 14 दिन से ज्यादा काम करने वाले सभी लोगों को उनकी सैलरी और जिन लोगों की ग्रैच्युटी बन रही है, उन्हें नियमों के मुताबिक वेतन दे दिया जाएगा”। यानि, चीन की कंपनी ने जल विद्युत परियोजना में काम करने वाले सभी पाकिस्तानी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है, जो पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है।

बुरी तरह से घिरा पाकिस्तान

14 जुलाई को सुबह करीब 7 बजे पाकिस्तान में हुए एक बम विस्फोट में 9 चीनी नागरिकों समेत कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई थी। दसू जलविद्युत परियोजना में काम कर रहे कामगरों को ले जा रही एक शटल बस विस्फोट के बाद खाई में गिर गई थी। शुरूआत में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि “एसी पाइप में गड़बड़ी” की वजह से गैस लीक हुआ और फिर बस में विस्फोट हो गया। लेकिन चीन ने पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के बयान को खारिज कर दिया और कहा है कि बस पर आतंकी हमला हुआ है और पाकिस्तान उस मुताबिक जांच करे। वहीं, चीन ने 15 सदस्यीय जांच टीम भी पाकिस्तान भेज दी।

इमरान खान को फटकार

पाकिस्तानी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने जोर देकर कहा कि ‘चीन के लोगों को सुनियोजित साजिश के तहत मारा गया है और ये एक आतंकी घटना है’। जिसके बाद अगले ही दिन पाकिस्तान ने अपना बयान बदल दिया और कबूल किया कि बस पर आतंकी हमला हुआ है। वहीं, शुक्रवार को चीन के प्रधान मंत्री ली केकियांग ने इमराम खान को फोन पर खूब फटकार लगाई है और एक निश्चित वक्त में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर एक्शन लेने की बात कही है। वहीं, पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री इशाक दार ने कहा है कि पाकिस्तान के लोगों से पाकिस्तान में ही चल रहे प्रोजेक्ट से निकालना इमरान खान सरकार की सबसे बड़ी नाकामयाबी है और ये बताता है कि इमरान खान नियाजी किस तरह से राष्ट्रीय हित को बर्बाद कर रहे हैं।

चीन-पाकिस्तान के बीच सीपीईसी का महत्व

CPEC चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) की एक प्रमुख परियोजना है, जिसे 2015 में शुरू किया गया था। इस परियोजना के जरिए चीन से पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर निवेश आने की उम्मीद थी, जिससे पाकिस्तान के लोगों के लिए हजारों रोजगार के अवसर पैदा होने की बात पाकिस्तान की अलग अलग सरकारों ने की थी। नवाज शरीफ के कार्यकाल में कई परियोजनाएं पूरी होने के करीब थीं, लेकिन भयानक भ्रष्टाचार की वजह से चीन ने प्रोजेक्ट में पैसे डालने से इनकार कर दिया। वहीं, पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बेहद खराब होने के डर से और नौकरशाही की विफलता को देखते हुए इमरान खान ने सीपीईसी परियोजनाओं में पैसा डालने से इनकार कर दिया। पाकिस्तान ने सीपीईसी प्रोजेक्ट के लिए चीन से 12 अरब डॉलर का कर्ज मांगा था, जिसे देने से चीन ने इनकार कर दिया। जिसे घटाकर पाकिस्तान ने फिर 6 अरब डॉलर कर दिया, मगर चीन ने साफ तौर पर कह दिया कि जब तक पाकिस्तान पिछला बकाया वापस नहीं करता है, तबतक चीन उसे एक रुपया कर्ज नहीं देगा। वहीं, अब जबकि चीनी इंजीनियरों पर हमला हुआ है, ऐसे में सीपीईसी प्रोजेक्ट के अधर में जाने की पूरी आशंका जताई जा रही है।