भारत सरकार ने चीनी सेना के सीमा से पीछे न हटने की खबरों को बेबुनियाद बताया है. केंद्र ने इस खबर का खंडन किया है कि चीनी सेना सीमा से पीछे नहीं हट रही है. सरकार के सूत्रों के मुताबिक, चीनी सेना के सीमा से पीछे हटने की प्रक्रिया तय हुई बातचीत के मुताबिक ही चल रही है.
दरअसल, भारत-चीन सीमा पर तनाव कम करने को लेकर दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत चल रही है. सीमा पर तनाव खत्म करने के लिए डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया के दूसरे चरण के लिए मंगलवार को भारत और चीन के कोर कमांडर स्तर की बातचीत रात दो बजे तक चली. सुबह 11 बजे एलएसी के चुशूल में शुरू हुई ये मीटिंग पूरे 14 घंटे तक चली.
भारत-चीन के बीच क्या बात हुई
सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग में एलएसी पर सभी जगह पर डिसइंगेजमेंट पर बात हुई. एलएसी पर दोनों देशों की सेनाओं के हेवी बिल्ट-अप को कम करने के साथ-साथ फिंगर एरिया और डेपसांग प्लेन्स पर चर्चा हुई.
भारत ने चीनी सेना के फिंगर एरिया नंबर 4 की रिज-लाइन पर मौजूद चीनी सैनिकों का मुद्दा भी मीटिंग में उठाया. इसके अलावा फिंगर 8 से फिंगर 5 तक भी चीनी सेना बड़ी तादाद में मौजूद हैं. दोनों देशों की सेनाओं के बीच टकराव कम करने के लिए बेहद जरूरी है कि चीनी सैनिक यहां अपना जमावड़ा कम करें. ये भी भारतीय पक्ष ने कहा.
3 किलोमीटर का दोनों पक्षों ने बनाया बफर जोन
बता दें टकराव के स्थानों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया के प्रथम चरण पूरा होने के दो दिन बाद बातचीत हुई. चीन ने गोगरा, हॉट स्प्रिंग और गलवान घाटी से अपने सैनिकों को पीछे हटाने का काम पूरा कर लिया है. साथ ही उसने भारत की मांग के अनुरूप पैंगोग सो इलाके में फिंगर फोर की रिजलाइन में मौजूदगी कम कर दी है. इसके साथ ही दोनों पक्षों ने ज्यादातर टकराव वाले स्थानों पर 3 किलोमीटर का एक बफर जोन भी बनाया है.