पहले रास्ता पूछने पर बड़ी दिक्कतें होती थी. अब गूगल मैप्स (Google Maps) के जरिए आप कहीं भी जा सकते है. गूगल मैप्स जल्द ही नई सेवा शुरू करने वाला है. वो अब मैप के जरिए चलने वाले लोगों को सबसे प्रदूषण वाले रास्ते, ईको-फ्रेंडली रास्तों पर ले जाकर यात्रा पूरी कराएगा. यानी उन रास्तों पर जहां प्रदूषण का स्तर कम हो और आपकी यात्रा सुखद हो. गूगल ने मंगलवार यानी 30 मार्च को यह घोषणा की है. अल्फाबेट इंक (Alphabet Inc.) की यूनिट गूगल ने इस साल की शुरुआत में मैप सर्विस में ईको-फ्रेंडली रूट्स की लॉन्चिंग की थी. शुरुआत अमेरिका से की गई थी. अब यह अन्य कई देशों में शुरू की जा रही है. गूगल ने कहा है कि वह ईको-फ्रेंडली रूट्स बताकर क्लाइमेट चेंज (Climate Change) को कम करने का प्रयास कर रहा है.
गूगल ने कहा कि मैप में जब भी कोई रास्ता पूछेगा तो उसे सबसे पहले डिफॉल्ट में ईको-फ्रेंडली रूट ही मिलेगा. जब गूगल से पूछा गया कि क्या इससे यात्रा का टाइम बढ़ जाएगा, तब कंपनी का जवाब था कि ऐसा नहीं होगा. यात्रा लगभग बराबर समय में पूरी होगी. अगर किसी को तेज गति से किसी अन्य रास्ते से जाना है तो वह दूसरा ऑप्शन सेलेक्ट कर सकता है. गूगल प्रोडक्ट के डायरेक्टर रसेल डिकर ने कहा कि हमें अभी दुनिया के आधे ईको-फ्रेंडली रास्तों का पता चला है. लेकिन हम ऐसे और रास्तों को खोज रहे हैं जो कम समय में और कम कार्बन उत्सर्जन के साथ लोगों की यात्रा पूरी करा सकें. इससे लोगों का समय, ईंधन तो बचे ही, साथ ही उन्हें अपनी यात्रा में मनोरम नजारे भी देखने को मिले. या फिर वो ऐसे रास्ते से निकले जहां प्रदूषण कम हो.
रसेल ने कहा कि हमने अमेरिकी सरकार की नेशनल रिन्यूएबल एनर्जी लैब (NREL) के मानकों को पूरा किया है. इसमें हमें रोड ग्रेड डेटा, स्ट्रीट व्यू, एरियल और सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग किया है. इसके बाद सारे गूगल रास्तों को हमने अपडेट किया है. ताकि लोगों को ईको-फ्रेंडली रास्तों पर ले जा सकें. रसेल ने बताया कि हमें अभी ये नहीं पता कि हमारे ईको-फ्रेंडली रूट (Eco-Friendly Routes) से कार्बन उत्सर्जन में कितनी कमी आएगी. लेकिन कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी की ओर से की गई स्टडी में ये बात सामने आई कि थी कि कुछ लोग कार्बन उत्सर्जन वाले रास्ते चुनते हैं क्योंकि उन्हें जल्दी जाना होता है. लेकिन जिन्हें आराम से यात्रा करनी है वो ईको-फ्रेंडली रूट को चुनते हैं.
गूगल ने बताया कि वह अभी और भी पर्यावरण आधारित फीचर्स लाने वाला है. जून से गूगल मैप ड्राइवर्स को ये अलर्ट देगा कि सबसे कम कार्बन उत्सर्जन वाला रास्ता कौन सा होगा. जबकि, जर्मनी, फ्रांस, नीदरलैंड्स, स्पेन और यूके में कुछ रास्ते ऐसे हैं जहां प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों को चलने ही नहीं दिया जाता है. अगले कुछ महीनों में गूगल मैप्स (Google Maps) के जरिए ये भी पता चलेगा कि आगे पीछे कार, बाइक, सार्वजनिक वाहन कौन-कौन से हैं. साथ ही कई तरह के ट्रैवल ऑप्शन मिलेंगे. ताकि आप अपनी मर्जी से अपना रास्ता चुन सकें. क्लाइमेट चेंज में कमी ला सकें.