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गुरु पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण: ग्रहण के दौरान भूलकर भी न करें ये काम, ध्यान रखें ये नियम

चंद्र ग्रहण हो या सूर्य ग्रहण दोनों का ही ज्योतिष शास्त्र में खास महत्व माना गया है। इस साल का तीसरा चंद्र ग्रहण 5 जुलाई 2020 को लगने वाला है। बता दें यह 30 दिन के अंदर तीसरा ग्रहण है। दरअसल, इससे पहले 5 जून को भारत में चंद्र ग्रहण और फिर 21 जून को सूर्य ग्रहण देखा गया था। इसके बाद अब 5 जुलाई यानी कि आषाढ़ पूर्णिमा पर साल का तीसरा चंद्र ग्रहण लगने वाला है।  इस चंद्र ग्रहण की अवधि 2 घंटा 43 मिनट और 24 सेकेंड होगी। यह ग्रहण 5 जुलाई को सुबह 8 बजकर 38 मिनट से आरंभ होगा। और सुबह 11 बजकर 22 मिनट पर खत्म होगा। यह ग्रहण सुबह 9 बजकर 59 मिनट पर अपने सबसे अधिक प्रभाव में होगा।

Lunar eclipse

सूतक काल: सूतक काल के दौरान किसी भी प्रकार के धार्मिक और शुभ कार्य करने का मनाही होती हैं। 5 जुलाई को लगने वाला यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इस कारण से इसका सूतक काल नहीं माना जा सकेगा।  माना जाता है कि ग्रहण के समय सूर्य और चंद्रमा पीड़ित हो जाते हैं, लेकिन इस चंद्र ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं रहेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि यह ग्रहण उपछाया ग्रहण है। इसमें सूतक काल मान्य नहीं होता है।

 

किन देशों में देखा जाएगा चंद्र ग्रहण-

5 जुलाई को होने वाला यह चंद्र ग्रहण एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। यह चंद्र ग्रहण अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई  देगा। बता दें, इस दिन गुरु पुर्णिमा का पर्व भी है।

चंद्र ग्रहण का समय-

यह ग्रहण 5 जुलाई को सुबह 8 बजकर 38 मिनट से आरंभ होगा। इस चंद्र ग्रहण की अवधि 2 घंटा 43 मिनट और 24 सेकेंड होगी।

चंद्र ग्रहण के दौरान ध्यान रखें ये बातें-

-ग्रहण के दौरान किसी भी तरह का कोई शुभ काम करने से बचें।

– ग्रहण में ज्यादा से ज्यादा समय मंत्रों का जाप करें।

– मंत्रों का जाप कर भगवान को याद करना है और ग्रहण के बाद स्नान कर पूरे घर में

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-गंगा जल का छिड़काव करना चाहिए।

-ग्रहण के दौरान किसी भी तरह का कोई हथियार जैसे चाकू, कैंची करीब न रखें।

– ग्रहण गर्भवती महिलाओं और उनके भ्रूण को प्रभावित कर सकता है।  आमतौर पर माना जाता है कि ग्रहण के दौरान गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जाती है।