बिहार में एक योजना चलाई जाती है। इस योजना का नाम नेशनल हेल्थ मिशन योजना है। इस योजना के जरिए वे सभी गर्भवती महिलाएं जो बच्चियों को जन्म देती है, उन्हें प्रतोसाहन राशि दी जाती है। सरकार ने इस योजन का शभांरभ बेटियों को बचाने की दिशा में किया है, लेकिन अफसोस अब यह योजना भी घोटाले की भेंट चढ़ चुकी है। वो कैसे? अभी एक ताजा मामला बिहार के मुजफ्फरनगर जिले से ही सामने आया है, जहां पर एक 65 वर्षीय महिला ने 8 बच्चियों को जन्म दिया है। लाजिमी है कि अब आप हैरत में होंगे कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है कि एक बुजुर्ग महिला 8 बच्चियों को जन्म दें दे। हालांकि वैज्ञानिक तौर पर यह असंभव है, लेकिन बिहार में कागजी तौर इसे भी संभव बना दिय गया है..वो भी महज इसलिए कि नेशलन हेल्थ मिशन के तहत मिलने वाली राशि का फायदा उठाया जाए, इसलिए यह पूरा जाल बुना गया।
खैर, अब यह पूरा मामला पुलिस के संज्ञान में पहुंच चुका है। आरोपित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर इस मामले की तफ्तीश शुरू हो चुकी है। पुलिस ने साफ कर दिया है कि उन सभी आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जो इस योजना के फर्जीवाडे में शामिल रहे हैं। यह पूरा प्रपंच प्रतोसाहन राशि को हड़पने के लिए किया गया। बताया जा रहा है कि इसमे वे महिलाएं भी शामिल रहीं हैं, जो प्राकृतिक तौर पर मां नहीं बन सकती है तो कागजी तौर पर अपने आपको बच्ची का मां बताकर योजना के तहत मिलने वाली राशि को हड़पा है।
वहीं, इस पूरे मामलो के लेकर मिली जानकारी के मुताबिक, मिशन के अधिकारी और बैंक के सीएसपी इस आधारहीन दस्तावेज पर एक बुजुर्ग महिला को प्रोत्साहन राशि भी भेजते रहे। इस मामले में मसुहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी उपेंद्र चौधरी ने पुलिस में FIR दर्ज कराई है। उधर, इस 65 वर्षीय महिला के खाते में 1400 रूपए डाले भी गए और तो और निकाले भी गए।
इस योजना के तहत फर्जी तौर पर न महज इस 65 वर्षीय महिला का नाम सामने आया है, बल्कि अन्य महिलाएं भी सामने आई है, जिसमे सरिता नाम की महिला भी सामने आई है, जिसने 9 महीने में पांच बच्चियों को जन्म दिया है। सानिया देवी ने 4 महीने में पांच बच्चियों को जन्म दे दिया। उधऱ , जब इन महिलाओं से इस संदर्भ में पूछताछ की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया। इन महिलाओं ने कहा कि हमें बच्चे को जन्म दिए कई साल हो गए हैं।