कोरोना वायरस ने दुनियाभर में कोहराम मचा दिया है। इस वायरस की चपेट में अब तक लाखों की संख्या में लोग आ चुक है तो वहीं लाखों लोगों की मौत हो कोरोना वायरस की वजह से हो चुकी है लेकिन अब तक किसी भी देश के पास कोरोना वायरस की दवा नहीं है। जिस वजह से कोरोना वायरस का खतरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रह है। ऐसे में अब तक कोरोना वायरस पर कई स्टडी भी सामने आ चुकी है। जिसमें वायरस से जुड़े कई बड़े खुलासे हुए है लेकिन इन सबके बीच कोरोना वायरस पर एक और स्टडी हुई है। जिसमें खुलासा हुआ है कि फेस मास्क इंसानों को कोरोना वायरस से बचाने में काफी कारगर साबित हो रहा है।
दरअसल अमेरिका के युद्धपोत थियोडोर रूजलेस्ट पर की गई थ्योरी के मुताबिक, हैंडवॉश और सोशल डिस्टेंसिंग की तुलना में फेस मास्क इंसानों को कोरोना वायरस से बचान में ज्यादा कारगर साबित हो रहा है। बता दें कि मार्च के महीने में युद्धपोत थियोडोर रूजवेल्ट के एक साथ 1000 क्रू मेंबर्स कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। जिसके बाद ही नेवी और अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के युद्धपोत के 382 क्रू मेंबर्स से सैंपल लेकर स्टडी की गई। इस स्टडी के दौरान लंबे समय ये इन सवालों पर चर्चा की गई कि कोरोना वारस के मामले कैसे बढ़ रहे है? और कैसे कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सकता है। इन्ही सवालों के बीच एक रिपोर्ट सामने आई।
डेली मेल की एक रिपोर्ट की मुताबिक स्टडी में पाया गया कि मास्क पहनने वाले 25 फीसदी लोग कोरोना से ज्यादा सुरक्षित होते है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने वाले और न करने वाले लोगों को कोरोना होने में 15 फीसदी का अंतर होता है। वहीं हैडवॉश करने वाले और न करने वाले के बीच 3 फीसदी का अंतर होता है लेकिन मास्क पहनने वाले और न पहनने वाले लोगों के कोरोना से संक्रमित होने में 25 फीसदी का अंतर है। वहीं कई देशों ने भी माना है कि मास्क पहनने से कोरोना वायरस का खतरा कम होता है। कई देशों ने अपने देश में मास्क को अनिवार्य कर दिया है और न पहनने पर भारी भरकम जुर्माना भी लगाया है।