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कोरोना महामारी की जंग के खिलाफ अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कही ये बात, अब ऐसे होगा वायरस का खात्मा

वॉशिंगटन। भारत में कोरोना की विभीषिका बढ़ती ही जा रही है। इस बीच इस महामारी के खिलाफ दुनिया के अधिकांश देश भारत के साथ खड़े हो गये हैं। अमेरिका (Amerika) की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Kamala Harris) ने कोरोना महामारी से लड़ाई में भारत को हर मदद, सहयोग का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा है कि इस मुश्किल वक्त में हम भारत के साथ हैं और उसकी सहायता करते रहेंगे। हैरिस ने भारत के योगदान, सहयोग को याद करते हुए कहा कि महामारी की शुरुआत में भारत ने अमेरिका की मदद की थी। अब हम भारत की सहायता के लिए उसके साथ खड़े हैं। कोरोना महामारी के इस दौर में भारत की सहायता के लिए पूरी दुनिया से मदद आ रही है। कमला हैरिस ने कहा कि भारत के जो हालात हैं, वो दिल दुखाने वाले हैं। भारत हमारा महत्वपूर्ण सहयोगी है। भारत की स्थिति सामान्य करने के लिए हम हर संभव मदद करेंगे। कोरोना से लड़ाई में भारत के योगदान की सराहना करते हुए अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा कि महामारी की शुरुआत में जब हमारे अस्पताल में बेड कम पड़ने लगे थे तब भारत ने सहायता भेजी थी। अब हम कोरोना के खिलाफ भारत के साथ हैं।

हैरिस ने कहा कि हम एशियाई क्वाड के सदस्यों के रूप में, वैश्विक समुदाय के हिस्से के रूप में और भारत के दोस्त के रूप में उसे मदद उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम सभी इस तरह मिलकर काम करते रहेंगे तो कोरोना जल्दी हरा देंगे। उपराष्ट्रपति ने बताया कि यूएस ने भारत को रिफिल करने योग्य ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और N-95 मास्क भेजे हैं। जरूरत के साथ और मदद पहुंचती रहेगी। अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए भारत को रेमेडिसविर इंजेक्शन पहुंच गये हैं। भविष्य में भी यथासंभव मदद पहुंचाते रहेंगे। कमला हैरिस ने कहा कि 26 अप्रैल को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और 30 अप्रैल तक संयुक्त राज्य अमेरिका के सैन्य सदस्य और नागरिक वहां राहत दे रहे थे।

वैक्सीन पर पेटेंट को निलंबित करने में रहेगा साथ
कमला हैरिस ने कहा कि भारत और अन्य देशों को टीकाकरण में तेजी लाने में मदद करने के लिए हमने कोविड-19 वैक्सीन पर पेटेंट को निलंबित करने के लिए पूर्ण समर्थन की घोषणा की है। भारत और अमेरिका दुनिया में सबसे अधिक कोविड के मामले हैं। कोरोना की लड़ाई अब किसी एक देश की नहीं बल्कि दुनिया की है। पूरी दुनिया को इससे मिलकर लड़ना होगा।