विभिन्न तरंगों की रोगाणुनाशन क्षमता का उल्लेख करते हुए एक अध्ययन ने दावा किया कि पराबैंगनी (यूवी) प्रकाश उत्सर्जक डायोड (यूवी-एलईडी) कोरोना वायरस को तेजी से, आसानी से और किफायती तरीके से मारने में कारगर साबित हो सकते हैं। अध्ययन में कहा गया है कि इस नवोन्मेष का इस्तेमाल वातानुकूलन और जल प्रणालियों में भी किया जा सकता है।
छिड़काव मात्र से संक्रमणमुक्त होने का दावा
‘जर्नल ऑफ फोटोकेमिस्ट्री एंड फोटोबॉयोलॉजी बी: बॉयोलॉजी’ में प्रकाशित अनुसंधान के तहत कोरोना वायरसों के परिवार के किसी वायरस पर यूवी-एलईडी विकिरण की क्षमता का आकलन किया गया। अमेरिका स्थित ‘अमेरिकन फ्रेंड्स ऑफ तेल अवीव यूनिवर्सिटी’ के अध्ययन की सह लेखिका हदस ममने ने कहा, ‘पूरी दुनिया कोरोना वायरस को नष्ट करने के प्रभावी समाधान ढूंढ रही है।’ वैज्ञानिक ने कहा कि किसी बस, ट्रेन, खेल के मैदान या विमान को रासायनिक पदार्थों के छिड़काव से संक्रमणमुक्त करने में लोगों और रसायन को सतह पर काम करने के लिए समय की आवश्यकता होती है।
कोरोना से बचना हुआ आसान और किफायती
ममने ने कहा, ‘एलईडी बल्बों पर आधारित संक्रमणमुक्त करने की प्रणालियां वायु-संचरण प्रणाली एवं एयर कंडिशनर में लगाई जा सकती हैं। हमने पाया कि पराबैंगनी किरणें उत्सर्जित करने वाले एलईडी बल्बों की मदद से कोरोना वायरस को मारना बहुत आसान है।’ अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि प्रणाली को इस तरह से डिजाइन किया जाना चाहिए, ताकि व्यक्ति प्रकाश के सीधे संपर्क में न आए क्योंकि घरों के भीतर सतहों को संक्रमणमुक्त करने के लिए यूवी-एलईडी का इस्तेमाल बहुत खतरनाक होगा।