ऐसे वक्त में जब कोरोना के खिलाफ जंग के दौरान पारस्परिक एकजुटता की सख्त दरकार है। लगातार लोगों से यह अपील की जा रही है कि आपसी एकजुटता के माध्यम से ही इस बीमारी को मात दिया जात सकता है, तो ऐसी संवेदनशील स्थिति में समाज का सबसे अहम तबका माने जाने वाले डॉक्टरों की अहम भूमिका को नहीं नकारा जा सकता है। मगर जब डॉक्टर जैसा अहम तबका अपने काम को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश में जुट जाए, तो फिर इस गंभीर होती स्थिति को अत्याधिक गंभीर होने पर भला कोई कैसे रोक सकता है।
हम ऐसा इसलिए लिख रहे हैं कि चूंकि अभी ऐसा ही ताजा मामला राजस्थान के चुरू जिले से सामने आया है। जहां पर अभी डॉक्टरों का वो आपसी वाट्स एप चैट खासा वायरल हो रहा है, जिसमे उन्होंने यूं मानिए इस संवेदनशील स्थिति में देश के मुसलमानों का इलाज न करने का बीड़ा उठा लिया हो। उन्होंने संकल्प ले लिया हो कि हम इस देश के मुसलमानों का इलाज नहीं करेंगे। अब ऐसे में सवाल यह है कि आखिर ऐसी स्थिति में जब पूरा विश्व कोरोना के कहर से त्राहि-त्राहि कर रहा है, तो फिर इन डॉक्टरों के मन में एक विशेष समुदाय के प्रति इतनी नफरत कैसे फैल गई।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, यह वाट्स एप चैट राजस्थान केे चुरू के एक निजी अस्पताल श्रीचंद बारादिया रोग निदान केंद्र का है।BARDIA RISE ग्रुप में किसी ने लिखा है- ‘कल से मैं मुस्लिम मरीज का एक्स रे नहीं करूंगा ये मेरा शपथ है।’ इसी शख्स ने एक और मैसेज लिखा- ‘मुस्लिम मरीजों को देखना ही बंद कर दो, तो फिर इस ग्रुप में एक शख्स ने लिखा कि ‘अगर हिंदू पॉजिटिव होते न और मुस्लिम डॉक्टर होता तो हिंदुओं को कभी नहीं देखते। मैं मुस्लिम को OPD में नहीं देखूंगी। बोल देना, मैडम नहीं है।’
जांच में जुटी पुलिस
वहीं इंडियन एक्सप्रेस से मिली खबर के मुताबिक, अभी तक इस पूरे मामले को लेकर कोई शिकायत नहीं दर्ज की गई है। अभी तक पुलिस ने एफआईआर भी नहीं दर्ज की है। इस सिलसिले में पुलिस ने कहा कि इस चैट का स्क्रीन शॉट मिले हैं, जहां पर यह डॉक्टर आपस में चैट करते हुए नजर आ रहे हैं। पुलिस के मुताबिक, यह चैट एक विशेष धर्म के खिलाफ है। बताया जा रहा है कि यह मैसेज लॉकडाउन के दौरान का है, जब देशभर में जमातियों पर कोरोना फैलाने का आरोप लगाया जा रहा था। इसके साथ ही इस अस्पताल को चलाने वाले डॉ सुनील चौधरी ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि यह किसी की एक साजिश है। जिसके तहत यह मैसेज वायरल हो रहा है। हमारे हॉस्पिटल में बड़ी संख्या में मुस्लिम मरीजों का इलाज होता है।