लगातार कोयला संकट के बीच देश में बिजली उत्पादन तेजी से गिरावट आई है। बिजली उत्पादन में इस गिरावट के चलते कई राज्यों को मुश्किलों का सामाना करना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश में बिजली की खपत पड़ोसी राज्यों की तुलना में बहुत ज्यादा है। ऊर्जा मंत्री के लगातार प्रयास और समीक्षा के बाद भी उत्तर प्रदेश में भी लगातार बिजली की किल्लत बनी हुई है। त्यौहार के कारण बिजली की खपत ज्यादा होती है जिससे मुश्किल और बढ़ गई है। इन मुश्किलों के बावजूद यूपी पावर कार्पोरेशन ने त्यौहारों के दौरान प्रदेश वासियों को भरपूर बिजली देने का फैसला किया है। गांवों और कस्बों को करीब 22 घंटे बिजली शामिल है। राज्य भार प्रेषण केंद्र ने इस महीने 31 अक्टूबर तक बिजली आपूर्ति का शेड्यूल जारी किया है। इसके तहत प्रदेश की नगर पंचायतों और तहसीलों में 21.30 घंटे बिजली आपूर्ति की जाएगी।
ये आदेश केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग के आदेशों और ग्रिड सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सामान्य अवस्था में लागू होंगे। यानी आपात व्यवस्था में कटौती हो सकती है। ज्ञात हो कि अभी ऊर्जा मंत्री ने लोगों से बिजली बचाने का अनुरोध किया है। बता दें पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में कोयले की किल्लत की आशंकाओं के बीच बिजली विभाग की बैठक की. सीएम ने निर्देश दिया कि गांव हो या शहर, राज्य में रात में बिजली नहीं कटेगी।
उन्होंने कहा कि अगर जरूरत है बिजली विभाग अतिरिक्त बिजली खरीदे. सीएम ने ओवरबिलिंग, फेक बिलिंग पर भी सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाले एजेंसियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। सीएम योगी ने विजिलेंस की टीम को भी निर्देश दिया कि विजिलेंस अधिकारी अनावश्यक रूप से किसी भी उपभोक्ता को परेशान न करें। बिजली मीटर की समस्या पर बोलते हुए निर्देश दिया है कि वैसे मीटर जिससे गलत रीडिंग आ रही है, ऐसे मीटर बनाने वाली एजेंसी को करें ब्लैक लिस्ट किया जाए।