केरल सरकार (Kerala government) में मंत्री और CPI(M) नेता साजी चेरियन (Saji Cherian) ने भारत के संविधान (constitution of india) को लेकर एक विवादित बयान (controversial statement) दिया है. उन्होंने पार्टी के एक कार्यक्रम में कहा है कि संविधान लोकतंत्र और सेकुलरिज्म जैसी बेवकूफी वाली बात करता है.
मलायलम में उन्होंने कहा कि हम सभी ये मानते जरूर है कि देश के पास एक सुंदर लिखित संविधान है. लेकिन मैं साफ करना चाहूंगा कि ये संविधान इस तरह से लिखा गया है कि इसका इस्तेमाल देश को लूटने के लिए हो रहा है. श्रमिक वर्ग के लिए तो ये बिल्कुल भी मुफीद नहीं है. उनके लिए इस संविधान में सुरक्षा नहीं है. अपने संबोधन में साजी ने इस बात पर भी जोर दिया कि देश का संविधान अडानी-अंबानी जैसे उद्योगपतियों को सपोर्ट करता है.
अब इस एक बयान ने केरल की राजनीति में भूचाल ला दिया है. विपक्ष तो तुरंत सीएम विजयन से साजी चेरियन का इस्तीफा मांग रहा है. बीजेपी भी तत्काल प्रभाव से उन्हें बर्खास्त करने की मांग उठा रही है. वी मुरलीधरण कहते हैं कि मैं इस बयान की कठोर शब्दों में निंदा करता हूं. ऐसे लोग मंत्री पद पर नहीं बने रह सकते हैं क्योंकि संविधान की वजह से ही उन्हें ये जिम्मेदारी मिली है. सीएम विजयन से मांग करता हूं कि उन्हें तुरंत बर्खास्त कर दिया जाए.
अभी के लिए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भी इस मामले का संज्ञान ले लिया है. उनकी तरफ से मुख्यमंत्री से भी इस मुद्दे पर सफाई मांगी गई है. लेकिन CPI(M) मंत्री को पद से हटाने के लिए तैयार नहीं दिख रही है. पार्टी का सिर्फ इतना कहना है कि मंत्री की जुबान फिसल गई थी, वे कुछ और कहना चाहते थे. लेकिन पार्टी की ये सफाई विवाद को शांत करता नहीं दिख रही है. सोना तस्करी मामले की वजह से पहले ही मुश्किलों में फंसी केरल सरकार की चुनौती इस बयान के बाद और ज्यादा बढ़ गई है.