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केक पर मचे बवाल पर आयोजक ने मांगी माफी, कहा- हमारी भावनाएं सही थीं, बनाने में हुई गलती

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) द्वारा मंदिर की आकृति का केक काटने के मामले तूल पकड़ता जा रहा है. इस बीच कार्यक्रम की आयोजक कीर्तिश केयर फाउंडेशन (Kirtish Care Foundation) द्वारा आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मांफी मांग ली गई. हालांकि इस मामले में अब तक कांग्रेस बचाव में लगी हुई है, लेकिन आज कीर्तिश फाउंडेशन की फाउंडर कीर्तिश सुधांशु (Kirtish Sudhanshu) ने मांफी मांगते हुए कहा कि हम करने कुछ और गए थे हो कुछ और गया. ऐसे में अगर किसी की जन भावना को ठेस लगी है तो वह माफी मांगती हैं. उनका कहना था कि KKF फाउंडेशन के द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें पूर्व सीएम कमलनाथ (Former CM Kamal Nath) की कोई जानकारी नहीं थी. ऐसे में सारे विवाद से उनका नाम जोड़ना गलत है.

ये था सारा मामला
दरअसल बीजेपी जिला अध्यक्ष विवेक बंटी साहू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पूर्व सीएम कमलनाथ का एक वीडियो जारी किया. साथ ही आरोप लगाया था कि उन्होंने हिंदू भावनाओं से खिलवाड़ करते हुए मंदिर और हनुमान (Hanuman) की कलाकृति वाले एक केक को काटकर हिंदू आस्था को ठेस पहुंचाया है. जिसके बाद इस मामले में बीजेपी ने कार्रवाई की मांग की थी. प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan), विश्वास सारंग, नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) सहित तमाम बड़े नेताओं ने पूर्व सीएम कमलनाथ की मंशा पर सवाल उठाकर कमलनाथ को घेरने का प्रयास किया था. आज कार्यक्रम की आयोजक ने माफी मांगकर सफाई दी है, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि पूर्व सीएम कमलनाथ ने अभी तक इस मामले में कोई बयान नहीं दिया है.

आयोजक ने कहा जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि
केकेएफ की कीर्ति सुधांशु ने केक पर मचे सियासी बवाल पर कहा कि जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि, सामने वाले का जैसा दृष्टिकोण है कि वह किस तरह से देखता है. हमारी मनोभाव सिर्फ कमलनाथ को जन्म दिन की शुभकामनाएं देना था. भाव था कि उन्होंने जिले को सिमरिया हनुमान मंदिर के रूप में बड़ी सौगात दी थी, लोग उसे याद रखें. उस पर धार्मिक राजनीति हो गई, इस बात का हमें खेद है. उन्होंने कहा कि केक में हनुमान नहीं बने हुए थे. केक में हनुमान का स्टीकर लगा था. उन्होंने कहा कि केक काटने से पहले कमलनाथ ने दूसरे नंबर के केक को काटा था. केक पर हनुमान की फोटो लगाने का भाव था कि हम कमलनाथ को सौगात के रूप में बता सकें कि हम धन्यवाद करते हैं.