प्रधानमंत्री नरेंद मोदी की अध्यक्षता में 14 जून को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में 5जी स्पेक्ट्रम को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कैबिनेट 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी को मंजूरी दे दी है. टेलीकॉम विभाग (डीओटी) इसी हफ्ते नीलामी के लिए आवेदन मांगना शुरू कर देगा.
गौरतलब है कि टेलीकॉम कंपनियां लंबे समय से 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी की मांग कर रही थीं. खबरों के अनुसार, 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी अगले महीने शुरू हो जाएगी. सरकार ने 9 स्पेक्ट्रम की नीलामी की योजना बनाई है. यह नीलामी 20 वर्षों के लिए होगी. इसमें 600, 700, 800, 1,800, 2,100, 2,300 और 2,500 मेगाहर्ट्ज बैंड की नीलामी होगी.
आज होगी औपचारिक घोषणा
खबरों के अनुसार, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर आज दोपहर 3:30 बजे कैबिनेट के फैसलों की मंजूरी प्रेस के सामने रखेंगे. इसमें 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी को मिली मंजूरी भी शामिल होगी. आपको बता दें कि नीलामी के लिए स्पेक्ट्रम की कुल कीमत 5 लाख करोड़ रुपये रखी गई है. सरकार की मंशा जल्द से जल्द ये 5जी सेवाएं शुरू करने की है.
TRAI ने 20 साल वैधता पर जताई थी सहमति
दूरसंचार विभाग नीलामी के लिए स्पेक्ट्रम के 20 साल की वैधता के फेवर में है, क्योंकि ट्राई ने 20 साल के आधार पर आरक्षित मूल्य (Reserve price) के लिए अपनी गणना की थी. इस साल अप्रैल में अपनी 5G से संबंधित सिफारिशों में, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने कहा था कि संबंधित बैंड के संदर्भ में 30 वर्षों के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन का रिजर्व प्राइस 20 वर्षों के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन के रिजर्व प्राइस से 1.5 गुणा के बराबर होना चाहिए.
स्वदेशी तकनीक से विकसित 5जी
दूरसंचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि भारत सरकार इस साल अगस्त तक स्वदेशी रूप से विकसित 5G तकनीक शुरू कर सकती है. उन्होंने जिनेवा में यूएन बॉडी आईटीयू द्वारा आयोजित वर्ल्ड समिट ऑफ इंफॉर्मेशन सोसाइटी (WSIS) 2022 में बोलते हुए यह टिप्पणी की थी. चौहान ने कहा कि सरकार टेलिकॉम टेक्नोलॉजी के डेवलपमेंट के लिए एक रिसर्च और डेवलपमेंट फंड शुरू कर रही है. गौरतलब है कि आईटी प्रमुख टीसीएस और राज्य के स्वामित्व वाली टेलीकॉम रिसर्च फर्म CDoT स्वदेशी रूप से 5G तकनीक विकसित करने में लगी हुई है.