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कल है बुद्ध पूर्णिमा, जानिए व्रत के नियम, पूजा विधि और महत्व

भगवान बुद्ध का जन्म वैशाख मास की पूर्णिमा (Birth of Lord Buddha on the full moon of Vaishakh month) को हुआ था इस पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) कहा जाता है. बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) बौद्ध अनुयायियों के साथ-साथ हिंदुओं के लिये भी खास पर्व है. हिन्‍दू धर्म में गौतम बुद्ध को भगवान श्री विष्णु का नौवां अवतार माना जाता है.

कब है वैशाख या बुद्ध पूर्णिमा?

हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल वैशाख माह की पूर्णिमा 5 मई 2022 शुक्रवार को है. इस दिन चंद्र दर्शन करना बहुत ही शुभ माना जाता है. ऐसा करने से चंद्रदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इन दिन को बुद्ध जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, वैसाख पूर्णिमा की तिथि शुक्रवार 4 मई को 11:44 से शुरू होकर अगले दिन 5 मई 2023 को रात 11:30 पर समाप्त होगी. इस दिन शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा.

जानें शुभ मुहूर्त

स्नान मुहूर्त – सुबह 04.12 – सुबह 04.55
सत्यनारायण पूजा मुहूर्त – सुबह 07:18 – सुबह 08:58
चंद्रोदय को अर्घ्य देने का समय – शाम 06.45
लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त – 05 मई 2023, रात 11:56 – 06 मई 2023, प्रात: 12:39
कूर्म जयंती पूजा मुहूर्त – शाम 04.18 – शाम 06.59

इन भगवान की पूजा करने से होंगी सारी मनोकामनाएं पूरी

वैशाख माह की पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सारे पापों से मुक्ती मिलती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन चंद्र दर्शन जरूर करना चाहिए. चंद्र दर्शन न करने से व्रत पूरा नहीं होता है. चंद्र दर्शन करने से चंद्रदेव का आशीर्वाद मिलता है. इस दिन भगवान विष्णु और चंद्र देव की उपासना करें. इससे आर्थिक स्थिति में सुधार होता है. इस दिन दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है इस दिन दान करने से कई गुना फल प्राप्त होता है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने का भी विशेष महत्व है. गंगा जैसी किसी नदी में स्नान करें. पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठें. स्नान करें. इसके बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें. ऐसा करते समय बहते जल में तिल प्रवाहित करें. बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध की पूजा करना भी बहुत ही फलदायी माना जाता है.