आने वाले दो दिन यानि की सोमवार और मंगलवार को बैंको(Banks) में ताला लगा रहेगा। बैंक में कोई भी काम नहीं होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि देश के दो बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के बैनर के नीचे 9 युनिटों ने इन दो दिन होने वाली हड़ताल का ऐलान किया है। करीबन 10 लाख बैंक के कर्मचारी इस दिन हड़ताल करेंगे। इस बात का दावा ऑल इंडिया बैंक इम्पलॉइज एसोसिएशन के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने दावा किया है।
इन बैंक ने बताई हड़ताल की बात
एसबीआई और केनरा बैंक के साथ साथ कई सराकरी बैंकों ने पहले ही अपने ग्राहकों को सूचित कर दिया था कि आने वाले सोमवार और मंगलवार को बैंक हड़ताल के कारण बंद रहेगी। बैंक के ऑफिस और ब्रांच के कामकाज पर इसका प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा बैंकों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि तय हुए हड़ताल के दिन बैंकों और ब्रांचों में अच्छे ढ़ंग से काम काज करने के लिए जरूरी स्टेप ले रहे हैं। इससे पहले सरकार आडीबीआई बैंक में अपनी अधिकांश की हिस्सेदारी भारतीय जीवन बीमा निगम को बेच चुकी है। बता दें कि गत चार वर्षों में सार्वजनिक क्षेत्र के टोटल 14 बैंकों का विलय कर दिया जा चुका है।
वित्त मंत्री ने किया था ऐलान
बताते चलें कि इस बात का ऐलान वित्त मंत्री मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने बजट में किया था कि गवर्मेंट ने इसी साल 2 गवर्मेंट बैंकों और एक बीमा कंपनी के Privatization का निर्णय किया है। बीते साल 2019 में सरकार ने LIC में IDBI Bank का एक बड़ा हिस्सा सेल कर दिया था। अब बता दें कि अभी इस समय देश में 12 सरकारी बैंक हैं।दो बैंकों का निजीकरण वित्त वर्ष 2021-22 में किया जाएगा। इस प्राइवेटाइजेशन (Privatization ) के बाद इनकी गिनती कम होकर केवल 10 रह जाएगी।