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कल चैत्र नवरात्रि की महाअष्टमी… अखाड़ा परिषद अध्यक्ष करेंगे नगर पूजा, देवी को लगेगा मदिरा का भोग

कल चैत्र मास की महाअष्टमी है। कल सुबह निरंजनी अखाड़े के श्रीमहंत और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविन्द्रपुरी महाराज चौबीस खंबा माता मंदिर पर नगर पूजा करेंगे और देवी को मदिरा का भोग लगाकर शहर के विभिन्न 40 देवी और भैरव मंदिरों की यात्रा पर निकलेंगे। यह परंपरा उन्होंने साल 2018 में अखाड़े की ओर से शुरु की थी। कोरोना महामारी के कारण पिछले साल यह पूजन कलेेक्टर ने किया था। उल्लेखनीय है कि उज्जैन में विक्रमादित्य के शासनकाल से ही शारदीय नवरात्रि के दौरान महाअष्टमी के अवसर पर नगर पूजा की परंपरा चली आ रही है लेकिन वर्ष 2018 में चैत्र मास की महाअष्टमी पर भी निरंजनी अखाड़े के सचिव और श्री महंत रवीन्द्रपुरी महाराज ने नगर पूजा की परंपरा आरंभ की थी और इसके शुरुआती दो वर्षों में अखाड़े की ओर से ही यह पूजन और यात्रा निकाली गई थी लेकिन साल 2020 में कोरोना महामारी के कारण अखाड़े की बजाय सांकेतिक रूप से इस परंपरा का निर्वहन जिला प्रशासन ने ही किया था। पिछले साल भी कोरोना चरम पर था और स्थिति पहली लहरी से अधिक खराब थी।

इसे देखते हुए नगर पूजा का यह कार्यक्रम सीमित दायरे में रखा गया था और पिछले साल अष्टमी पर कलेक्टर आशीष सिंह यहाँ पहुँचे थे और उन्होंने चौबीस खंबा माता मंदिर स्थिति देवी महालया और महामाया का विधिविधान से पूजन किया और उन्हें बड़बाकल तथा सौभाग्य की सामग्री अर्पित की थी। परंपरानुसार कलेक्टर ने देवी को मदिरा का भोग भी लगाया था लेकिन कल चैत्र मास की महाअष्टमी पर निरंजनी अखाड़े की ओर से नगर पूजा का आयोजन किया जाएगा। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविन्द्रपुरी महाराज ने बताया कि कल सुबह साढ़े 7 बजे चौबीस खंबा स्थित देवी महामाया और महालया को विधि विधान से पूजन अर्चन कर भोग लगाया जाएगा और यह यात्रा निकाली जाएगी। इस यात्रा में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ सभी अखाड़ों के संत महंत शामिल होंगे। यह यात्रा चौबीस खंबा माता मंदिर से आरंभ होकर 27 किलोमीटर के दायरे में शहर के विभिन्न देवी मंदिरों और भैरव मंदिरों तक मदिरा की धार के साथ पहुँचेगी और वहाँ विधि विधान से पूजन अर्चन किया जाएगा। शाम को यह यात्रा अंकपात स्थित हांडी फोड़ भैरव मंदिर पर पूजन अर्चन के साथ पूर्ण होगी।