तकरीबन 15 महीने बाद उत्तराखंड में स्कूलों को खोल दिया गया है. सोमवार को लंबे समय बाद स्कूलों के खुलने पर छात्र काफी खुश दिखाई दिये. इस मौके पर इन छात्रों के चेहरों पर दोस्तों से मिलने की खुशी तो थी ही साथ ही स्कूल को लेकर भी इन बच्चों का जुड़ाव देखा गया.
कोविड-19 के बाद 22 मार्च 2020 में पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया गया था. गर्मियों की छुट्टी पर चल रहे उत्तराखंड के स्कूलों को भी 17 अप्रैल 2020 के बाद बंद कर दिया गया था. हालांकि कोविड-19 की पहली लहर का असर कम होने के बाद अप्रैल 2021 में कुछ दिन तक स्कूल खोले गये लेकिन जल्द ही कोविड-19 की दूसरी लहर आने पर स्कूलों को एक बार फिर से बंद करना पड़ा. अब तकरीबन 15 महीने के लंबे अंतराल के बाद आज 2 अगस्त 2021 को एक बार फिर से स्कूलों को खोला गया है.
शिक्षा विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोला जा रहा है. दून इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाचार्य दिनेश बर्थवाल ने बताया कि पहले चरण में कक्षा 9 से 12वीं तक के स्कूलों को खोला गया है. कोविड-19 महामारी के बाद शुरू हुए लंबे अंतराल के बाद स्कूलों में व्यवस्थाओं को सुचारू करने और पटरी पर लाने के लिए पहले चरण में बड़े बच्चों को स्कूलों में बुलाया जा रहा है, ताकि माहौल एक बार फिर से उसी दिशा में आगे बढ़ सके.
दून इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया कि उन्हें छात्रों के अभिभावकों की तरफ से भी बेहतर रिस्पांस मिल रहा है. लगातार अभिभावकों की तरफ से अंडरटेकिंग फॉर्म स्कूल प्रशासन को भेजे जा रहे हैं. उन्होंने बताया किस तरह से स्कूलों में कोविड-19 वैश्विक महामारी से बचने के लिए सभी मानकों को ध्यान में रखकर स्टडी को एक बार फिर से सुचारू किया जा रहा है.
वहीं, अगर सरकारी स्कूलों की बात करें तो अजबपुर कन्या इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य नर्मदा राणा ने बताया कि लंबे समय से स्कूल बंद थे. 1 साल से ज्यादा समय के बाद आज स्कूल खुले हैं. लिहाजा स्कूलों में व्यवस्थाएं अस्त-व्यस्त हैं. स्कूल प्रशासन की पहली प्राथमिकता बच्चों की पढ़ाई शुरू करने को लेकर है. इसके साथ ही स्कूल की अन्य व्यवस्थाओं पर भी लगातार ध्यान दिया जा रहा है.
वहीं, बात अगर छात्रों की करें तो वे भी लंबे गैप के बाद स्कूल आने पर खुश दिखाई दिये. सरकारी स्कूल हो या देहरादून के बड़े प्राइवेट स्कूल सभी जगह छात्रों के चेहरों पर एक अलग ही चमक थी. जीजीआईसी इंटर कॉलेज में पढ़ने वाली 11वीं की छात्रा प्रियंका और संजना लेखवार ने बताया कि इतने लंबे समय के बाद स्कूल आना उनके लिए बेहद खुशी भरा पल है. उन्होंने बताया अब तक ऑनलाइन पढ़ाई चल रही थी लेकिन वह सभी के लिए काफी चुनौती भरा था.
संजना ने बताया कि उनकी ऑनलाइन क्लासेस उनके पापा या फिर उनके पड़ोस में मौजूद भैय्या के मोबाइल से चलती थी. इस वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. मोबाइल में ऑनलाइन क्लास लेने में काफी कुछ समझ में भी नहीं आता था. अब स्कूल खुलने के बाद टीचर से पढ़ना उनके लिए काफी आसान है.
दून इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ने वाली 12वीं के छात्र काम्या रावत और सिमरन ने बताया कि लंबे समय बाद स्कूल आना उनके लिए बेहद खुशी का मौका है. उनका कहना है कि वे लंबे समय बाद अपने बाद दोस्तों से मिल पाएंगी. सिमरन ने बताया कोविड-19 वैश्विक महामारी ने उनकी सोशल लाइफ पर गहरा असर डाला है. उन्होंने कहा कि वह पिछले एक से डेढ़ साल से लगातार घर पर ही हैं. वे कहीं बाहर घूमने या फिर अपने दोस्तों के साथ भी नहीं जा पाई हैं. अन्य छात्रों ने बताया कि घर से ही पढ़ाई करने में और स्कूल आकर पढ़ाई करने में काफी अंतर होता है. इससे उनकी शारीरिक एक्टिविटी पर काफी फर्क पड़ा है. स्कूल प्रशासन का कहना है कि छात्रों को गुणवत्ता युक्त पढ़ाई के लिए स्कूल आना बेहद जरूरी है.