उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री से उनके संसदीय क्षेत्र में एक मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने और परियोजना शुरू करने की अपील की.
उन्होंने कहा कि चमोली में लगभग 80 किलोमीटर के मोटर मार्ग को राजमार्ग घोषित कर निर्माण कार्य शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र चीन की सीमावर्ती क्षेत्रों से लगा हुआ है, ऐसे में चीन की हालिया गतिविधियों के मद्देनजर इस इलाके में नेशनल हाईवे का होना बहुत जरूरी है.
तीरथ सिंह रावत ने नियम 377 के अधीन अपने वक्तव्य में कहा कि इस इलाके में भारत और चीन के बीच कई अहम दर्रे भी हैं. उन्होंने कहा कि क्षेत्र के कई गांवों के लोग शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं.
उन्होंने सुझाव दिया कि नेशनल हाईवे-58 के लिए वैकल्पिक मार्ग बन सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि अलकनंदा नदी के कटाव के कारण यह रास्ता अवरुद्ध हो जाता है.
क्या है नियम 377
गौरतलब है कि नियम 377 के तहत लोक सभा में एक जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र से जुड़े अहम मुद्दों को उठाता है. इनमें ऐसे वक्तव्य शामिल होते हैं जिन्हें लोक सभा की कार्यवाही के दौरान प्रश्नकाल में नहीं उठाया जा सकता. इसके अलावा ध्यानाकर्षण सूचना या प्रस्ताव से संबंधित नियमों के अंतर्गत भी जिन मुद्दों को नहीं उठाया जा सकता, ऐसे मुद्दे नियम 377 के तहत उठाए जा सकते हैं.