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उत्तराखंड में पूर्व कैबिनेट मंत्री केदार सिंह फोनिया के निधन, भाजपा में शोक की लहर

उत्तराखंड में भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री केदार सिंह फोनिया का आज निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे। केदार सिंह फोनिया उत्तराखंड की राजनीति में दो दशक से भी ज्यादा समय तक सक्रिय रहे। वे उत्तराखंड के साथ ही उत्तर प्रदेश में भी कैबिनेट मंत्री रह चुके थे। उन्होंने उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में भी अहम भूमिका निभाई थी।


उनके निधन की खबर से प्रदेश भाजपा में शोक की लहर है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उनके निधन पर शोक जताया। उन्होंने ट्वीटर पर पोस्ट करते हुए लिखा ‘भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री केदार सिंह फोनिया जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। भगवान दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं शोकाकुल परिवार को यह असीम कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें।’

वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने भी उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन एवं राज्य के विकास में केदार सिंह फोनिया जी का योगदान हमेशा अविस्मरणीय रहेगा। वे एक समर्पित जन नेता के तौर पर सदैव याद किए जाएंगे।

औली को विश्व मानचित्र पर जगह दिलाई

स्वर्गीय केदार सिंह फोनिया ने उत्तरप्रदेश में पर्यटन मंत्री रहते हुए औली को विश्व मानचित्र पर जगह दिलाई थी। जोशीमठ-औली रोपवे भी उन्हीं की देन है। बदरीनाथ विधानसभा के दूरस्थ गांवों में सड़कें पहुंचाने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है। वे चमोली जनपद के चीन सीमा क्षेत्र के गमशाली गांव के निवासी थे।

1969 में पहली बार लड़ा था निर्दलीय चुनाव

फोनिया ने 1969 में पहली बार विधानसभा के लिए निर्दलीय चुनाव लड़ा था, लेकिन वे हार गए थे। तब 1991 में विधानसभा चुनाव लड़े और यूपी में कल्याण सिंह की सरकार में पर्यटन मंत्री रहे। वर्ष 1993 और 96 में हुए विधानसभा चुनाव में भी जीत गए थे। उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद अंतरिम सरकार में भी वे लोक निर्माण विभाग और पर्यटन मंत्री रहे। उत्तराखंड में 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की थी, लेकिन खंडूरी सरकार में वे मंत्रीमंडल में शामिल नहीं हो पाए थे।