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इलाहाबाद विवि के असिस्टेंट प्रोफेसर को 14 साल बाद पता चला पत्नी मुस्लिम है, दर्ज कराया मुकदमा

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर अमरेंद्र त्रिपाठी ने पत्नी व सास-ससुर पर सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. आरोप है कि उनसे धर्म परिवर्तन की बात छिपाकर शादी की गई. विरोध करने पर उत्पीड़न किया जा रहा है और जान से मारने की धमकी दी जा रही है. सोशल मीडिया पर फर्जी फोटो डालकर बदनाम किया जा रहा है. पुलिस धोखाधड़ी, मारपीट समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर जांच में जुटी है.

क्लाइव रोड निवासी भुक्तभोगी ने पुलिस को बताया कि जून 2011 में उनका विवाह गुवाहाटी असम निवासी महिला से हुआ. आरोप है कि 13 मई को कमरे से मिले कुछ कागजात से पता चला कि उनकी पत्नी ने शादी से पहले ही धर्म परिवर्तन कर इस्लाम ग्रहण कर लिया था. साथ ही उसी धर्म के युवक से शादी भी कर ली थी.

इस बात को छिपाकर उनसे शादी रचाई. 2012 में पता चला कि वह गुटखा खाती है, जिसके विरोध पर कलाई की नस काटकर खुदकुशी का प्रयास किया. इसके बाद से लगातार गलत आदतों के विरोध पर उनसे व उनकी माता से मारपीट करती रही. वह लगातार उनके चरित्र के बारे में अनर्गल बातें फैला रही है और बदनाम करने की धमकी दे रही है. छोटी छोटी बातों पर आत्महत्या की धमकी और प्रयास से उनके साथ रहना मुश्किल हो गया है.

सोशल मीडिया के माध्यम से बदनाम करने का प्रयास

आरोप है कि दो बार लैपटॉप पटककर तोड़ दिया. विश्वविद्यालय जाकर मुझे बदनाम करने की धमकी देती है. अपने व्हाट्सएप स्टेटस और फेसबुक पर सहकर्मियों और छात्राओं के साथ के फर्जी स्क्रीन शॉट लगाकर बदनाम कर दिया है. 27 मई को सहकर्मियों के साथ हुई निजी बातचीत के झूठे स्क्रीन शॉट्स का स्टेट्स और डीपी लगा दिया. 31 मई को फेसबुक पर तलाक की घोषणा कर दी. पिछले कुछ महीनों से पहडिय़ा, वाराणसी के एक व्यक्ति से निरंतर संपर्क में है और उसके दम पर जान से मारने और झूठे आपराधिक मामले में फंसाने की धमकी दे रही है.

यही नहीं क्लाइव रोड स्थित घर से 23 मई से उन्हें बाहर निकाल दिया और तब से वह सैनिक कॉलोनी, धूमनगंज में रह रहे हैं. सिविल लाइंस प्रभारी रामाश्रय यादव ने बताया कि पति-पत्नी के बीच विवाद की बात सामने आई है. तहरीर के आधार पर एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही है.